पीड़ित परिवार पहले ही कर चुका है सड़क बन्द करने का ऐलान
सिरमौर जिला के पच्छाद हल्के में नैनाटिककर से ढंगयार के लिए बनाई गई 8 किमी सड़क के भू अधिग्रहण में बड़े पैमाने पर घपलेबाजी सामने आ रही है। सड़क के नाम पर अपनी जमीन गवांने वाले रत्न चन्द पिछले दो दशक से न्याय के लिए दर दर भटक रहे हैं लेकिन कोई उनकी फरियाद सुनने को तैयार नहीं है। थक हारकर अब उन्होंने न्याय के लिए राजभवन में दस्तक दे दी है। विभागीय स्तर पर हुई इस कथित घपलेबाजी के चलते यह सड़क प्रोजेक्ट विवादों में आ गया है। पीड़ित परिवार पहले ही सड़क को बंद करने का ऐलान कर चुका है।
महामहिम से न्याय की गुहार लगाते हुए रतनचंद ने बताया है कि वर्ष 1997-98 में सिरमौर जिला के डिलमन लोकनिर्माण विभाग उपमंडल में नैनाटिककर से ढंगयार के लिए सड़क बनाने के लिए सर्वे किया गया। सड़क पांड आंजी मौजा की मलकियत जमीन से निकली जानी थी। सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी भी की गई लेकिन सड़क दूसरी जगह से बना दी गई। विभाग ने जिस जगह में सड़क बनाई उन परिवारों को किसी तरह का कोई मुआवजा तक नहीं दिया। विभाग ने उनके परिवार की 2.07 बिघा जमीन का आज तक कोई मुआवजा नहीं दिया। हालांकि उस समय भू अधिग्रहण समाहर्ता की ओर से अवश्य उन्हें इस बाबत एक पत्र प्राप्त हुआ था लेकिन उसके बाद किसी ने इस परिवार की सुध नहीं ली।
नैनाटिककर के पांड निवासी पीड़ित रतनचंद ने महामहिम राज्यपाल से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। साथ ही कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही अमल में लाकर उन्हें न्याय प्रदान करें। उधर लोकनिर्माण विभाग के अधिकारी इस मामले से खुद को किनारे कर इसे भू अधिग्रहण विंग का मामला बता रहे हैं। रत्न चन्द पहले ही साफ कर चुके हैं कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो कोर्ट से सटे लेकर वह सड़क को बंद करवा सकते हैं।