शहर की धनाढ्य नगर परिषद के पास कार्यकारी अधिकारी नहीं होने से शहर के सारे विकास कार्य ठप्प हो गये है |सफाई वयवस्था चरमरा गयी है नगर पालिका के कर्मचारियों के भूखे मरने की नोबत आ गयी है क्यूंकि बिना ई.ओ. के नगर पालिका के कर्मचारियों की सेलेरी रुक गयी है | वही विकास कार्य जो थोड़े बहुत होने वाले थे बिना ई.ओ. के हस्ताक्षर के रुके पड़े है |
शहर की धनाढ्य नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी रणसिंह की चंद दिनों में ही कुर्सी छिन गई थी । एसडीएम कार्यालय में वरिष्ठ सहायक रणसिंह ने कुर्सी का जुगाड़ अतिरिक्त कार्यभार के तौर पर पद संभाल लिया था। प्रशासन ने अतिरिक्त कार्यभार के आदेश वापस ले लिए थे । पदभार संभालने के बाद खासा प्रोपोगंडा हुआ था। उधर डीसी बीसी बडालिया ने आदेश वापस लेने की पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार के स्तर पर ही आदेश जारी होंगे ।
परन्तु सबसे बड़ी बात ये है कि जो आदेश डीसी बीसी बडालिया ने जरी किये है उनमे किसी को कार्यकारी अधिकारी नहीं बनाया गया जबकि ये पदभार पहले SDM पांवटा साहिब एच एस राणा के पास था | वही वार्ड मेम्बेर्स ने सरकार से मांग की है कि SDM पांवटा साहिब एच एस राणा को ही कुछ समय के लिए दोबारा कार्यकारी अधिकारी का अतिरिक्त पदभार दिया जाये जिससे विकास कार्य में बाधाना आये |