पांवटा साहिब : बिना सरकारी सहायता के रिटायर्ड पी.टी.आई बना सफल किसान |

(जसवीर सिंह हंस ) एक और नई पीढ़ी खेती बाड़ी को छोड़कर नोकरी की चकाचोंध की और भाग रही है व खेती बाड़ी को घाटे का सोदा बताकर इससे दूर जा रही है रही है वही कुछ लोग ऐसे भी है जिन्होंने कृषि की उन्नत तकनीको से को अपनाकर भारी मुनाफा प्राप्त किया है व इसको रोजगार के रूप में अपना लिया है | ऐसे में आने वाली पीढ़ी को भी इससे सीखकर कृषि में अपना भविष्य बनाने की सीख लेनी चाहिये |

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आज हम आपको ऐसे ही किसान से रूबरू करेंगे जिन्होंने सरकारी नोकरी से रिटायर होने के बाद आधुनिक खेती को अपनाने का फैसला लिया  | हम बात कर रहें हैं पांवटा साहिब की बदीपुर पंचायत में  रहने वाले किसान जगत सिंह की जो 72 साल की उम्र में भी किसानी के पेशे से जुड़े हुए है  | खबरोंवाला  से बात करते हुए जगत  सिंह ने बताया कि कैसे उन्होंने नोकरी से रिटायर होने के बाद खेती करने  की सोची और आज हरबीर एक सफल  किसान है | जगत सिंह ने सब्जी कि खेती की खेती की शुरुआत एक एकड़ से भी कम हिस्से में की थी | उन्होंने वैज्ञानिक तरीके से सब्जियों की खेती करना शुरू किया  | जगत सिंह आज  हरी मिर्च, शिमला मिर्च, टमाटर, गोभी, प्याज, बैगन सहित कई अन्य सब्जिया उगते है |

कुल लागत राशि में सम्पूर्ण सात एकड़ तालाब के लिए बीज की खरीदी, खाद एवं रसायनिक दवाओं का खर्च, बाढ़वर्धक की खरीदी फसल की तुड़ाई, तालाब की ठेका राशि, मजदूरी, एवं अन्य खर्चे शामिल हैं। काफी मात्रा में व्यपारी व स्थानीय लोग  खेत से ही सब्जी ले जाते हैं व रोजाना सब्जी मंडी में भी सब्जी की अच्छी कीमत मिल जाती है  । जगत सिंह सरकारी संसथान से केवल सब्जियों के बीज खरीदते है |जगत सिंह  बताते हैं कि उन्नत खेती से अब सालाना पांच लाख रूपये तक की आमदनी हो जाती है और अब पॉलीहाउस बनाने की तैयारी चल रही है।

 

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