शर्मा आरडी – स्वास्थ्य एवं राजस्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने कहा कि कसौली से विनोद सुल्तानपुरी ही अगले प्रत्याशी होंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगला चुनाव हर हाल में जीतेगी ओर वीरभद्र सिंह ही सीएम होंगे। सोलन के कसौली हल्के के दौरे पर आए ठाकुर ने एक जनसभा में यह बात कही।
कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री के इस बयान से पच्छाद के पूर्व विधायक गंगुराम मुसाफ़िर के कथित अरमानों पर पानी फिर सकता है
टीबी हस्पताल धर्मपुर में स्टोर के उद्घाटन अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने हर वर्ग व क्षेत्र का एक समान विकास किया है। उन्होंने कहा कि धर्मपुर व साथ लगते गांव का वर्ष 2009 में गलत तरीके से हुए बन्दोबस्त को रद्द कर दिया गया है जिसे अब दोबारा करवाने के निर्देश दे दिए गए हैं। राजस्व मंत्री ने 32 भूमिहीन परिवारों को 3-3 बिस्वा भूमि के दस्तावेज भी भेंट किए।
इनदिनों क्षेत्र में यह चर्चा आम है कि आखिर मुसाफ़िर को क्यों अपनी परम्परागत सीट छोड़ने की नौबत आ गई है। क्या पच्छाद में उनका जनाधार इस कदर गिर गया है कि उन्हें मैदान छोड़कर दूसरी जगह जाने को विवश होना पड़ रहा है। मण्डल महासचिव श्यामलाल फरमाहे भी यह मान चूके हैं कि मुसाफ़िर कसौली से चुनाव लड़ सकते हैं। सोलन जिला की कसौली व सोलन सीट रिजर्व है और अटकलें हैं कि इनमें से किसी एक जगह से टिकट के लिए प्रयास चल रहे हैं। सोलन में पार्टी किसी तरह का रिस्क नहीं उठाना चाहती यह सीट पहले ही कांग्रेस के पास है जबकि कसौली भाजपा के कब्जे में है। बताया जा रहा है कि कसौली को मुसाफ़िर सैफ मान रहे हैं। जानकार बताते हैं कि हाल ही में परवाणु में लगा उनका दरबार कहीं न कहीं अपने आप को जनता से जोड़ने की शुरुआत है। इससे उन्होंने कसौली हल्के में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने का प्रयास किया। इसके लिए जमीनी स्तर पर बड़ी तैयारियां की गई थीं जिसमें कार्यकर्ताओं को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था। लेकिन यह तभी संभव हो सकेगा जब वहां से चुनाव लड़ चूके युवा नेता व पूर्व सांसद केडी सुल्तानपुरी के सुपुत्र विनोद सुल्तानपुरी अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार होंगे। पिछले चुनाव में वह महज 24 मतों की कमी से विधान सभा की दहलीज लांघने से रह गए थे।
ऐन वक्त पर आया स्वास्थ्य मंत्री का यह ब्यान कहीं न कहीं सुल्तानपुरी के लिए राहत भरा साबित हो सकता है। हालांकि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि किसे कहां से टिकट मिलेगा। बहरहाल अब देखना यह है कि मुसाफ़िर पच्छाद से ही चुनाव मैदान में उतरकर विधायक सुरेश कश्यप का सामना करते हैं या फिर कसौली में अपनों को ही चुनौती देते हैं।