प्रदेश में उगाई जाने वाली बेमौसमी सब्जियों में शिमला मिर्च का अपना अलग ही महत्व है। सीधे तौर पर किसानों की आर्थिकी से जुडी यह फसल इन दिनों संकट में है। सिरमौर जिला में आजकल शिमला मिर्च की फसल तैयार है लेकिन एकाएक स्वस्थ पौधे सूखते जा रहे हैं। पच्छाद क्षेत्र में यह समस्या कुछ ज्यादा ही देखी जा रही है। पिछले लगभग तीन दशकों से इसकी खेती कर रहे किसान इस नई समस्या से परेशान हैं उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि करें तो क्या करें। हालांकि अपने स्तर पर वे सभी उपाए कर चूके हैं लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। यदि समय रहते बीमारी पर काबू नहीं पाया गया तो फसल के चौपट होने का खतरा है।
पच्छाद में बड़े पैमाने पर शिमला मिर्च की खेती की जाती है जिससे किसानों की अच्छी आय हो जाती है। एक अन्य बीमारी ने शिमला मिर्च की फसल को जकड़ा है जिसमे पौधों के पत्ते न केवल सिकुड़ जाते हैं बल्कि पौधे की बढ़वार भी रुक जाती है। इस बीमारी से शिमला मिर्च के पौधे में पीलापन भी आ जाता है। काहन निवासी किसान सुभाष शर्मा ने बताया की उनकी शिमला मिर्च की फसल पौधों के सूखने से लगभग समाप्त हो गई है। यही हाल अनिल, रवि दत्त व अन्य किसानों की फसल का हो रहा है। इसके आलावा कई अन्य गांव में भी इन बिमारियों ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।