शर्मा आरडी- देर से ही सही आखिर प्रशासन ने 3-4 सितम्बर को आयोजित होने वाले सराहां के जिला स्तरीय मेले की बैठक बुला दी है। इस आशय के समाचार प्रकाशित होने के बाद प्रशासन हरकत में आया है। बैठक को अति गोपनीय रखा गया है जो शनिवार को तहसील कार्यालय में होनी तय हुई है।
आम तौर पर सराहां के वामन द्वादशी मेले की तैयारियों को लेकर बुलाई जाने वाली पहली बैठक का बड़े पैमाने पर पचार प्रसार किया जाता है। तहसील कार्यालय से बाकायदा मेले की तैयारियों सम्बन्धी प्रोसिडिंग निकली जाती है। इस पत्र को न केवल साथ लगती ग्राम पंचायतों के जन प्रतिनिधियों बल्कि पत्रकारों को भी दिया जाता था। लेकिन इस बार एक नई प्रथा शुरू की गई है जिसमें इस तरह की कोई औपचारिकता नहीं निभाई गई। इसे लेकर जनता में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
बता दें कि सत्ता के हिसाब से चलने वाले इस मेले की कांग्रेस समर्थित कमेटी आय व्यय में घोल मेल को लेकर विवादों में रही लेकिन जांच के नाम पर प्रशासन का रवैया ढुलमुल रहने से जनता ने पंचायत से मेला करवाने का निर्णय ले लिया। पिछले 2 वर्षों से स्थानीय ग्राम पंचायत इस आयोजन को सफलता पूर्वक कर रही है। लेकिन यहां भाजपा समर्थित प्रधान होने के चलते सत्ताधारी दल के नेताओं को यह व्यवस्था रास नहीं आ रही थी। इस पर गत वर्ष पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री से इसे राज्य स्तरीय करने की मांग से उठा दी। घोषणा हुई लेकिन अभी तक सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी नहीं की है। इसके लिए काफी दौड़धूप चल रही है। नेताओं को अभी भी अधिसूचना लागू होने की उम्मीद है। यही कारण है कि मेले की बैठक नहीं बुलाई जा रही थी।
बहरहाल प्रशासन ने पहली बार मेले की परम्परा को तोड़ते हुए शनिवार को जो बैठक बुलाई है उसमें सत्ता से जुड़े लोगों को कमेटी की कमान सौंपने की पूरी तैयारी चल रही है। इसके लिए मौखिक तौर पर कुछ लोगों को सूचित किया गया है जिसमें कुछ रुष्ठ नेता भी शामिल बताए जा रहे हैं।