रक्कड़(शशि राणा) जसवां प्रागपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत सलेटी-तुतडू सड़क लगभग 35 वर्षों से अपनी दयनीय स्थिति को लेकर चर्चा में है। आजादी के 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी यह सड़क पक्की नहीं हो पाई है। यह सड़क सलेटी, कुड़ना, सिद्ध पुनणी,भडवार, पुनणी, मगरू और तुतडू आदि गावों को जोड़ती है। जिसकी लम्बाई करीब 8 कि० मी० है।यहाँ रहने वाले लोग कई वर्षों से मिट्टी की सड़क पर चलने को मजबूर हैं। ऐसे में वाहनों का चलना तो दूर पैदल चलने के लिए भी लोगों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं।
वारिश के दिनों में यहाँ के हालात और भी बद्तर हो जाते हैं।ऐसा भी नहीं की इस स्थिति के बारे में स्थानीय प्रशासन अवगत नहीं, स्थानीय निवासियों द्वारा कई वार स्थानीय प्रशासन और जन प्रतिनिधियों को इस बारे में जानकारी दी जा चुकी है।मगर लोक निर्माण विभाग और स्थानीय नेताओं ने अनदेखी ही की है। चुनावों के दौरान नेता वायदे तो करते हैं, लेकिन चुनावों के बाद कोई भी नेता इस क्षेत्र की सुध नहीं लेता। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सड़क की दयनीय स्थिति होने के कारण जहाँ स्कूली बच्चों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, वहीँ बीमार व्यक्ति को चिकत्सालय तक पहुँचाने में पसीने छूट जाते हैं। सड़क अगर पक्की होती तो इस समस्या से राहत होती।
पुनणी पंचायत के प्रधान पवना देवी उपप्रधान राजेंद्र सिंह और पूर्व उप प्रधान गुरवचन सिंह मनकोटिया एवं गाँववासियों में हरि सिंह, फ़तेह चंद, विधि चंद, देवराज, रशपाल, रामलाल, मदन लाल, गोरखराम, गणपत, रमेश राणा विशाल राणा, रिंकु ठाकुर ,विजय, संतोष, सुनील,अंकुश, छोटू ,पवना देवी, सुनीता देवी, रतनी देवी आदि का कहना है कि सड़क का पक्का होना अब उन्हें सपना ही लगता है। उनके अनुसार आजादी के बाद भी ये क्षेत्र मानो गुलामी की जंजीरों में जकड़ा ही लगता है, जिसका आज तक सुधार नहीं हो पाया है।उन्होंने प्रशासन और स्थानीय नेताओं से मांग की है कि इस समस्या का यथाशीघ्र समाधान किया जाये,ताकि स्थानीय निवासियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।