पांवटा साहिब में सिख धर्म के पहले गुरु और संस्थापक गुरु नानक देव जी के 555 वे प्रकटोत्सव पर पांवटा साहिब में आस्था का सैलाब बहा । हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रकटोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। दो दिन में गुरु की नगरी में पहुंच कर लगभग 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने शीश नवाया। इस दौरान शबद-कीर्तन, अटूट लंगर और कवि दरबार का आयोजन किया गया। स्कूली बच्चों ने भी शबद कीर्तन में बढ़चढ़ कर भाग लिया। पांवटा साहिब में गुरु नानक जयंती पर वाहे गुरु, वाहे गुरु… जपते हुए श्रद्धालुओं ने माहौल भक्तिमय बना डाला।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पांवटा साहिब के प्रधान हरभजन सिंह और प्रबंधक जगीर सिंह ने बताया कि श्री गुरु नानक देव जी ने लोगों को अच्छा जीवन जीने के लिए कुछ खास मूल मंत्र दिए थे। नानक कहत जगत सब मिथिआ, ज्यों सुपना रैनाई। गुरुनानक ने सुखी और सफल जीवन के लिए कुछ सूत्र भी बताए थे। गुरुनानक ने किरत करो, नाम जपो, वंड छको का संदेश दिया। हमें नाम जपना, मेहनत करनी चाहिए और बांटकर खाना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इनका जन्म 1526 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। कुछ विद्वानों का मानना है कि इनकी जन्मतिथि 15 अप्रैल, 1469 है। इस दिन को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।
गत दिवस नगर कीर्तन का आयोजन किया गया था । नगर कीर्तन की अगुवाई पंच प्यारों द्वारा की गई। नगर कीर्तन के दौरान शब्द कीर्तन के आयोजन के साथ-साथ सिक्ख युवाओं ने मार्शल आर्ट गतका का प्रदर्शन किया। इस मौके पर भारी संख्या में सिख संगत उपस्थित रही । पांवटा साहिब में गुरु नानक देव के जन्मोत्सव के उपलक्ष में एक महीने से सुबह चार बजे से प्रभात फेरी का आयोजन किया जा रहा था