पांवटा साहिब : इंडियन टैक्नोमेक कंपनी के डायरैक्टरस खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज

 

( जसवीर सिंह हंस ) हिमाचल प्रदेश सरकार को चुना लगाने के आरोप में इंडियन टैक्नोमेक कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है आबकारी एवं कराधान विभाग की और से ई टी ओ विनय कुमार ने शिकायत दर्ज करवाई की इंडियन टैक्नोमेक कंपनी गावं जगतपुर, डा0 मिश्रवाला, जिला सिरमौर के डायरैक्टरस द्धारा आवकारी एवं कराधान विभाग का लगभग 2175.51करोड के टैक्स का गबन किया हैं।

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जिस पर आई पी सी की धारा 420,467,468,470,471,34 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही अम्ल मे लाई जा रही हैं । मामले की पुष्टि सिरमौर के पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी ने की है | गोरतलब है कि पांवटा साहिब में लगी यूनिट में ताला लटका हुआ है व आबकारी एवं कराधान विभाग ने इसको सील किया हुआ है |  उस समय जब इंडियन टैक्नोमेक कंपनी जब यहाँ लगी थी थी तो कई गुना महंगे दामो पर स्थानीय लोगो से जमीने खरीदी गयी थी  | उस समय कई  ठेकेदार भी मलाई कूट गये थे व दो नंबर में काम कर यहाँ काम कर रहे थे जो अब सड़क पर आ गये है व उस समय सिविल व फेब्रीकेटर के ठेके लेने वाले भी अब बेरोजगार हो गए है  |

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इंडियन टैक्नोमेक कंपनी ने देश के अलग-अलग हिस्सों में बड़े पैमाने पर घपले किए हैं. पुख्ता जानकारी के मुताबिक, कंपनी का मालिक राकेश कुमार शर्मा करीब 6 हजार करोड़ रुपये डकार कर विदेश भाग गया है.यह कंपनी हिमाचल सरकार के 2100 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा के करीब 2300 करोड़, आयकर विभाग के करीब एक हजार करोड़ के अलावा कर्मचारी भविष्य निधि, श्रम विभाग और बिजली बोर्ड समेत कई विभागों के करोंड़ों रुपये डकार कर भारत से भागने में कामयाब हो गई है |

आबकारी एवं कराधान विभाग की जांच में कई खुलासे हुए हैं. राज्य सरकार अब इस मामले को ईडी को सौंपने की तैयारी में है |  कुछ दिन पहले ही खबरोंवाला ने खुलासा किया था कि इस मामले में जल्द ही प्रदेश सरकार एफ आई आर भी दर्ज करवा सकती है | यह कंपनी रिफाइंड एलॉय यानी हवाई जहाजों या अन्य जहाजों के कल-पुर्जे बनाने के कारखाने चलाती है. जिसकी एक यूनिट पांवटा साहिब में भी लगी थी. इस कंपनी के कई राज्यों में यूनिट्स लगे थे. यह कंपनी लगभग सभी स्थानों से अपना कामकाज समेट चुकी है |गत दिनों आबकारी एवं कराधान विभाग की मीटिंग में भी ये मुद्दा उठा था जिसके बाद कड़ी कारेवाही का निर्णय लिया गया |

आबकारी एवं कराधान विभाग की जांच में कई खुलासे हुए हैं. राज्य सरकार अब इस मामले को ईडी को सौंपने की तैयारी में है.आपको बता दें, साल 2014 में यह मामला सामने आया था | पांवटा साहिब में जब से कंपनी की फैक्टरी लगी थी तब से ही कंपनी ने सेल्स टैक्स और वैट की चोरी करनी शुरू कर दी थी. बाहरी राज्यों से जितना भी कच्चा माल हिमाचल आता था उसकी डिटेल्स छुपाई जाती थी. सेल्स टैक्स और वैट की चोरी के लिए कागजों में भी कई तरह हेर-फेर किए गए थे.वर्ष 2008-09 की असेसमेंट के दौरान आबकारी एवं कराधान विभाग को इसकी जानकारी मिली थी |

वर्ष 2009-10 की असेसमेंट के दौरान भी बड़ी गड़बड़ियां सामने आई थीं. विभाग ने इसकी जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था. उस वक्त यह जांच आबकारी एवं कराधान विभाग के सहायक आयुक्त गणेश दत्त ठाकुर ने की थी. गणेश दत्त ठाकुर इस जांच कमेटी के अध्यक्ष थे. जांच रिपोर्ट में तब यह खुलासा हुआ था कि कंपनी ने वेट एक्ट और सेल्स परचेज एक्ट सहित एक्साइज कानून की कई अन्य धाराओं का उल्लंघन करते हुए सरकार को 2100 करोड़ रुपये का भारी भरकम चूना लगाया है. अब इसके तार देश के कई अन्य राज्यों से जुड़े हुए नजर आ रहे हैं | इस घोटाले को अंजाम देने वाली इंडियन टैक्नोमेक कंपनी ने देश के अलग-अलग हिस्सों में बड़े पैमाने पर घपले किए हैं |

 

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