धारा 118 पर कांग्रेस की स्थिति ‘सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली’ जैसी

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हिमाचल प्रदेश गैर कृषक संघर्ष समिति ने कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा कि वह धारा 118 पर राजनीति करने से बाज आए वरना कांग्रेस के नेताओं का जिला और प्रदेश स्तर पर घेराव किया जाएगा। समिति ने कहा कि कांग्रेस हमें उसका सोशल बाईकाट करने पर मजबूर न करे। समिति ने धारा 118 में प्रस्तावित संशोधन के नाम पर कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का पुतला फूंकने की निंदा करते हुए इसे विधानसभा चुनाव में काग्रेस की हार का परिणाम बताया है।
हिमाचल प्रदेश गैर कृषक संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप सहोत्रा, कुल्लू के प्रधान सुरेश कुमार गुप्ता, हमीरपुर के मोती जोशी, धर्मशाला के ललित चोपड़ा,  ऊना के अश्वनी जैन, नालागढ़ के सतिन्द्र सिंह और तेजेन्द्र सिंह, शिमला की रजनी, सोलन के बादल नाहर और गिरीश साहनी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने धारा 118 के नाम पर हमेशा प्रदेश के गैर कृषकों के साथ भेदभाव किया और भूमि के अवैध कारोबार को बढ़ावा दिया है।
उन्हांेने कहा कि धारा 118 पर राजनीति करने वाली कांग्रेस की स्थिति ‘‘सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली’’ वाली हो गई है। कांग्रेस ने धारा 118 के नाम पर हमेशा ही प्रदेश के लाखों लोगांें को गुमराह किया है। कांग्रेस स्पष्ट करे कि उसने प्रियंका गांधी को शिमला में घर बनाने के लिए पांच बीघा जमीन किस कानून के तहत दी। सरकारी भूमि पर जंगल काट कर सेब लगाने वाले लोंगांे से कांग्रेस को हमदर्दी है किन्तु पीढि़यों से हिमाचल में रहने वाले भूमिहीन परिवारों से कांग्रेस नफरत क्यों करती है।
उन्हांेंने कहा कि प्रदेश के लाखों गैर कृषक धारा 118 पर कांग्रेस के रूख से आहत हैं और आज स्थिति यह है कि काग्रेस ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए प्रदेश के भोले-भाले लोगों ही आपस में बांट दिया है।
संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर यदि धारा 118 में आशिंक संशोधन करते हैं तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए क्योंकि इससे हिमाचल में दशकों से रहने वाले गैर कृषकों को अपने आवास के लिए भूमि हासिल करने का अधिकार मिलेगा। उन्होंने कहा कि संविधान में भी भारत के हर नागरिक को अपना आवास और भूमि खरीदने का अधिकार दिया गया है और संविधान की रक्षा का राग अलापने वाली कांग्रेस अपने घटते जनाधार को बनाए रखने के लिए आम जन की संवदेनाओं से जुड़े मामलों को राजनीतिक मुददा बना रही है।
उन्हांेने कहा कि वीरभद्र सिंह ने सेब लाबी को सरकारी और फारेस्ट लेंड पर जंगल काटकर सेब लगाने की इजाजत दी तब कांग्रेस कहां सोई हुई थी। कांग्रेस सरकार ने सेब लॉबी को खुश करने के लिए हाईकोर्ट में तरह-तरह की दलीलें पेश की हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने हिमाचल में सैंकड़ों बीघा भूमि एकत्रित कर ली है और अब जब आम आदमी अपने निवास के लिए एक-दो बिश्वा भूमि का अधिकार मांग रहा है तो कांग्रेस को धारा 118 की याद आई हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की स्थिति यह है कि वह हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश भी नहीं मान रही है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस इस प्रकार जनहित की भावनाओं से खिलवाड़ करती रही तो कांग्रेस के डूबते जहाज को कोई नहीं बचा सकता है।

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