( जसवीर सिंह हंस ) हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आज यहां जिले के राज मिस्त्रियों के लिए भूकंप प्रतिरोधी निर्माण के संबंध में पांच दिवसीय कार्यशाला आरंभ की गई। कार्यशाला का शुभारंभ उपायुक्त सोलन विनोद कुमार ने किया।यह कार्यशाला जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आयोजित की जा रही है। विनोद कुमार ने इस अवसर पर कहा कि यह पांच दिवसीय कार्यशाला हिमाचल जैसे प्रदेश के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि समूचा हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। हिमाचल प्रदेश को भूकंप की दृष्टि से जोन-4 तथा जोन-5 में रखा गया है। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण कार्यों में भूकंप रोधी तकनीक अपनाकर भूकंप से होने वाले नुकसान हो कम किया जा सकता है। इस दिृष्टि से यह प्रशिक्षण कार्यशाला महत्वपूर्ण है। उपायुक्त ने कहा कि राज मिस्त्री भवन निर्माण की महत्वपूर्ण कड़ी हैं।
उन्होंने उपस्थित राज मिस्त्रियों से आग्रह किया कि कार्यशाला में बताई जाने वाली विधि से ध्यान से समझें और उपस्थित विशेषज्ञों से नियमित प्रश्न पूछें ताकि उनकी जिज्ञासा का समाधान हो सके। कार्यशाला को संबोधित करते हुए विषय विशेषज्ञ राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर के सहायक प्रोफेसर डॉ. हेमंत विनायक ने कहा कि भवन निर्माण भारतीय मानक ब्यूरो की संहिताओं द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण में भूकंप रोधी तकनीक अपनाकर नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में भूकंप के कारण अधिक हानि का कारण भवनों का भूकंप रोधी तकनीक के अनुरूप न होना तथा भय है।उन्होंने कहा कि इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण में राज मिस्त्रियों को पहाड़ी क्षेत्रों में भूकंप रोधी भवन निर्माण की समुचित जानकारी प्रदान की जाएगी।कार्यशाला में जिले के सभी पांच खंडों के राज मिस्त्री एवं उनके सहायक भाग ले रहे हैं। कार्यशाला के दौरान भवन निर्माण का व्यवहारिक प्रशिक्षण सोलन विकास खंड के जटोली में प्रदान किया जाएगा।
भारतीय प्रशासनिक सेवा की परिवीक्षाधीन अधिकारी तोरूल रवीश, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी विवेक चंदेल, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी भानु गुप्ता, अल्ट्राटेक सीमेंट के हिमाचल तथा जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय प्रमुख चंद्रभूषण, राज मिस्त्री एवं सहायक उपस्थित थे।