17 वर्षीय बेटी जिसकी दोनों किडनियां फेल हो चुकी है उसका ईलाज करवाने के लिए विधवा माँ अपने घर का सब सामान बेच कर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के गृह क्षेत्र मंडी से निकल कर सोलन में बेटी का ईलाज करवाने को मजबूर हो चुकी है | जहाँ हर तीसरे दिन उसका डायलसिस होता है लेकिन अब बेसहारा और असहाय माँ के पास सभी जमा पूँजी खत्म हो चुकी है और हिम्मत भी जवाब देने लगी है | यहाँ तक कि विधवा माँ ने घर का सामना पशु अपनी बेटी के ईलाज के लिए सब बेच दिया है अगर समय पर उसकी बेटी को किडनी नहीं मिली तो बेटी की जान तक जा सकती है इस लिए एक बेसहारा माँ सरकार और प्रदेश की जनता से मदद की गुहार लगा रही है ताकि उसकी बेटी का ईलाज हो सके |
आप को बता दें कि दुर्घटना में अपने पति को खोंने के बाद दुखियारी और अभागी माँ विमला पिछले छे वर्षों से अपने तीन बच्चों के लिए संघर्ष कर रही है और उन्ही के लिए जैसे तैसे जी रही| हम एसा इस लिए कह रहे है क्योंकि अगर इस माँ की आप दास्तान सुनेगे तो आप के भी आँखों से आंसू आ जाएंगे | वो इस लिए क्योंकि विधवा माँ की सबसे बड़ी बेटी जिसकी दोनों किडनियां फेल है उस से छोटी बेटी वह पूरी तरह से अपंग है जिसे वह हमेशा अपनी गोद में या पीठ में ढोने को मजबूर है | सुनीता बेटी के ईलाज पर सारी जाम पूँजी खत्म हो चुकी है घर का सामान बिक चुका है इस लिए जो बेटा था उसे वह कलेजे पर पत्थर रख कर सोलन के अनाथालय छोड़ आई है | दुखियारी विमला चाहती है कि उसकी बेटी जो 17 वर्ष की है जिसकी दोनों किडनियां फेल हो चुकी है उसके ईलाज के लिए सरकार कोई मदद करे और ताकि उसकी बेटी भी आम लडकियों की तरह अपने सपने पूरे कर सके |
वहीँ बेटी सुनीता ने कहा कि उसकी दोनों किडनियां फेल हो चुकी है माँ पर अपंग बहन की जिम्मेवारी होने के कारण वह अपनी किडनी दे नहीं पा रही है वह जीना चाहती है लेकिन अगर कोई उसके किडनी दान देता है तो ही वह जिन्दा रह पाएंगी | सुनीता ने कहा कि अभी तक कोई भी सरकारी मदद उन्हें नहीं मिली है इस लिए वह चाहती है कि सरकार उनकी मदद करे | सुनीता ने बताया कि वह जमा 2 की छात्रा है और वह अपनी बिमारी के चलते इस बार वह परिक्षा नहीं दे पाई | वह आगे पढ़ना चाहती है आगे बढना चाहती है अपने सपनों को पूरा करना चाहती है जो बैगर मदद के संभव नहीं है |
विमला के परिवार ने बेशक उसकी मदद के लिए हाथ पीछे खींच लिए हों लेकिन कुछ एसे लोग भी है जो बिना किसी जान पहचान के भी विमला की मदद करने को तैयार है एसी ही एक सोलन की महिला है रिया जिसने इस अभागी महिला को रहने को स्थान दे दिया है उसके खाने पीने को ध्यान रखा जा रहा है लेकिन यह सब कुछ नाकाफी सिद्ध हो रहा है क्यों कि सुनीता के ईलाज पर लाखों रूपये खर्च होने है और साथ में उसे किडनी दानकर्ता भी चाहिए तभी उसका ईलाज संभव है |