( जसवीर सिंह हंस ) नाहन में तीन रोगियों की मदद के मकसद से शहर के ऐतिहासिक चौगान मैदान में 21-22 अप्रैल को आयोजित हो रही द ग्रेट सिरमौर रन-2 संभवत: देश भर में अपनी तरह की पहली दौड़ हो सकती है। यहां तक की एशिया भर में भी ऐसा शायद पहले न हुआ हो। हालांकि पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता, लेकिन जिन परिस्थितियोंं में इस दौड़ का आयोजन किया जा रहा है, वो अपनी तरह का पहला प्रयास हो सकता है। आप सोच रहे होंगे, ऐसा क्यों तो इस दौड़ से जुड़ी खास बातें |
खुले मैदान में चैंबर बनाकर दौड़ हो रही है। तीन ट्रेड मिल इस कारण स्थापित की गई हैं, ताकि एक में गड़बड़ी होने की स्थिति में धावक सुनील शर्मा दूसरी पर दौड़ सके। इस तरह की दौड़ के बारे में इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक इस तरह के आयोजन बड़े मॉल्स या फिर मैट्रो शहरों के आधुनिक उपकरणों से लैस जिम में होती आई हैं। छोटे से कस्बे में इस तरह के आयोजन करना नामुमकिन रहता है। खुले मैदान में ट्रेड मिल लगाना ही चुनौती है। बिजली गुल होने की सूरत में बैकअप का इंतजाम भी आसान नहीं था।
धावक सुनील शर्मा ने जिस एशियन रिकॉर्ड को ब्रेक करने का लक्ष्य लिया है, उसे आधुनिक संयंत्रों से लैस हॉल में बनाया गया था। सनद रहे कि सुनील खुले मैदान में ट्रेड मिल पर 200 किलोमीटर का रिकॉर्ड बनाना चाहता है। आयोजकों का कहना है कि लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से इस बात की भी गुजारिश की जाएगी कि खुले मैदान में ओपन ट्रेड मिल का रिकॉर्ड भी दर्ज होना चाहिए।
सेठी जिम के संचालक मनीष का कहना है कि ट्रेड मिल पर सुनील की दौड़ को खुले मैदान से डिजिटल स्क्रीन पर डिस्प्ले किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विपरीत मौसम के बावजूद इस तरह का आयोजन अपने आप में अनोखी बात है। सेठी ने कहा कि पूरी तरह से इस बात की संभावना है कि भारत में तो क्या, विश्व स्तर पर भी ओपन ग्राऊंड में इस तरह का आयोजन नहीं हुआ होगा।
आप यह भी जानकर हैरान हो जाएंगे कि 24 घंटे में ट्रेड मिल दौड़ के दौरान सुनील को अगर फटीक होती है तो उन्हें कुछ मिनटों के लिए शरीर के आधे हिस्से को बर्फ में रखना होगा। ‘
24 घंटे की लाइव रिकॉर्डिंग की व्यवस्था की गई है। बाकायदा एक्सटर्नल हार्ड डिस्क में डाटा स्टोर किया जाएगा, ताकि लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड को भी पुख्ता तरीके से दावा पेश किया जा सके। बहरहाल कुल मिलाकर जयपुर में बने एशियन रिकॉर्ड को अगर मौसम की विपरीत परिस्थितियों में सुनील नहीं तोड़ पाते तो भी यह दौड़ अपने में एक अनोखा रिकॉर्ड होगी।
अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा का खुद का कहना है कि रिकॉर्ड बने या न बने, इससे कुछ खास मतलब नहीं है। मकसद केवल तीन रोगियों का जीवन बचाना है।