(जसवीर सिंह हंस ) जिला एवं सत्र न्यायाधीश सोलन तथा जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के अध्यक्ष भूपेश शर्मा ने कहा कि पैरा लीगल वालंटियर न्यायिक प्रक्रिया की महत्वपूर्ण कड़ी हैं तथा राज्य एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रशिक्षण के माध्यम से यह सुनिश्चित बना रहा है कि पैरा लीगल वालंटियर सभी के लिए सुलभ न्याय की दिशा में सफल हों। भूपेश शर्मा आज यहां पैरा लीगल वालंटियर के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण सोलन द्वारा किया गया।
भूपेश शर्मा ने कहा कि वर्ष 2009 में राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा पैरा लीगल वालंटियर योजना आरंभ की गई थी। योजना का उद्देश्य स्वयंसेवियों को ऐसा विधिक प्रशिक्षण प्रदान करना था जिससे वो समाज के सभी वर्गों तक विधिक सहायता सुनिश्चित बना सकें। उन्होंने कहा कि पैरा लीगल वालंटियर आमजन तथा विधिक सेवा संस्थानों के मध्य महत्वपूर्ण कड़ी का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान देश के सभी नागरिकांे को समान अधिकार एवं आवश्यकता के समय विधिक सेवाएं प्रदान करता है। ऐसी परिस्थिति में पैरा लीगल वालंटियर का कार्य महत्वपूर्ण हो जाता है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि पैरा लीगल वालंटियर को न केवल कानून एवं विधिक प्रणाली के संबंध में लोगों को जागरूक बनाना होगा अपितु यह प्रयास भी करना होगा कि विभिन्न मामले सौहार्दपूर्ण वातावरण में सुलझें।
कार्यक्रम में अवगत करवाया गया कि पैरा लीगल वालंटियर को विभिन्न न्यायिक प्रक्रियाओं के साथ-साथ संविधान एवं विभिन्न धाराओं की जानकारी प्रदान की जाती है।
कार्यक्रम में पैरा लीगल वालंटियर को विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी वंदना चौहान, तहसील कल्याण अधिकारी अनुराधा, अधिवक्ता श्वेता शर्मा तथा श्रम निरीक्षक ललित ठाकुर द्वारा इस अवसर पर विभिन्न विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवनजीत सिंह, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सोलन सचिन रघु, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मोहित बंसल, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी गौरव कुमार, प्रतिभा नेगी एवं अनुज बहल तथा पैरा लीगल वालंटियर उपस्थित थे।