पत्रकारिता के जन्मदाता है देवर्षि नारद

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प्राकृतिक आपदा जैसी विकट परिस्थितियों के दौरान आम जनता को  तत्कालिक घटनाओं के बारे जानकारी देने तथा लोगों के मनोबल को बनाए रखने में मिडिया द्वारा अहम भूमिका निभाई जानी चाहिए तथा मिडिया को इस दौरान सकारात्मक संदेश प्रकाशित करके सरकार और जिला प्रशासन की मदद करनी चाहिए ।
यह उदगार उपायुक्त सिरमौर श्री ललित जैन ने आज यहां बचत भवन के सभागार में जिला प्रशासन और विश्व संवाद केंद्र सिरमौर के संयुक्त तत्वाधान में देवर्षि नारद जयंती और आपदा प्रबंधन पर एक दिवसीय मिडिया कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि संबोधित करते हुए व्यक्त किए । इससे पहले उपायुक्त द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।
उन्होने कहा कि प्राकृतिक आपदा का कोई निर्धारित समय नहीं होता परन्तु ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए हर व्यक्ति को मानसिक तौर पर तैयार होना पड़ेगा । उन्होने कहा कि जनमानस को जागरूक करने के लिए मिडिया को सकारात्मक रोल अदा करना चाहिए । उन्होने कहा कि सनसनीखेज समाचारों के प्रकाशित होने पर अनेकों बार समाज में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है ।
देवर्षि नारद जयंती पर अपने विचार रखते हुए उपायुक्त ने कहा कि पत्रकारिता के जन्मदाता देवर्षि नारद कहलाए जातेे है जिनके द्वारा अपने मुखारविंद से देवों की वाणी का प्रचार व प्रसार किया जाता था जबकि उस दौरान कोई प्रिंट अथवा इलेक्ट्रोनिक मिडिया नहीं थे ।
उन्होने कहा कि जो सटीक फीडबैक समाचार पत्रों के माध्यम से मिलती है वह सरकारी खुफिया एजेसी से नहीं मिलती है चूंकि पत्रकार विभिन्न परिस्थितियों में सूचनाओं को एकत्रित करके उसका प्रकाश्न करते है । उन्होने पंजाब केसरी के संस्थापक लाला जगतनारायण का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके द्वारा आपातकालीन की स्थिति में भी बिना बिजली आपूर्ति के अपना अखबार ट्रेक्टर की मदद से प्रकाशित किया और सटीक पत्रकारिता के कारण उन्हें अपने जीवन का बलिदान भी देना  पड़ा ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एंव  विश्व संवाद केंद्र के प्रांतीय प्रचार प्रमुख श्री महीधर ने अपने संबोधन में कहा कि नारद जंयती पर हर वर्ष राज्य स्तरीय गोष्ठी का आयोजन किया जाता रहा है और अब यह कार्यक्रम जिला स्तर पर भी करवाने का निर्णय लिया गया है । नारद ऋषि बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे जिनकी प्रेरणा से वेद व्यास और वाल्मीकि ऋषियों द्वारा अनेक धार्मिक ग्रंथों की रचनाऐं की गई है । उन्होने कहा कि देवर्षि नारद को तीन श्राप दिए गए थे जिसे उन्होने सकारात्मक रूप से स्वीकार किया और उसे व्यवहारिक स्वरूप दिया गया ।
उन्होने कहा कि विश्व संवाद केंद्र के माध्यम से वर्तमान में देश के लगभग 10 हजार से अधिक पत्रकार जुड़े है और मिडिया में उत्कृष्ट भूमिका निभाने वाले अब तक 11 सौ अधिक पत्रकारों को सम्मानित भी किया जा चुका है । उन्होने कहा कि 30 मई 1826 को प्रथम बार साप्ताहिक समाचार पत्र प्रकाशित हुआ था जिस पर नारद ऋषि का चिन्ह लगाया गया था ।
इस मौके पर  डीपी जोशी सेवानिवृत  निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क  ने कहा कि पत्रकारिता में तथ्यों और पारदर्शिता को होना अनिवार्य होता है और पत्रकारिता का दुरूपयोग किसी भी व्यक्ति से व्यक्तिगत द्वेषभाव के लिए नहंी किया जाना चाहिए । उन्होने अतीत के अनेक उदाहरणों का उल्लेख करते हुए कहा कि आपदा के दौरान कुछ असमाजिक तत्व सहायता करने की बजाए मृतक व्यक्तियों के सामान को चुराने में तत्पर रहते है जिन पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है । उन्होने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मिडिया एक मिशन न रहकर एक व्यवसायिक संस्थान बन चुका है ।
इस अवसर पर सिरमौर प्रेस क्लब के प्रधान एसपी जैरथ,  लघु भारती उद्योग के पदाधिकारी और विश्व संवाद केंद्र के पदाधिकारी श्री रणेश राणा, शैलेष सैनी ने भी नारद जयंती पर अपने विचार र.खे ।इस मौके पर विश्व संवाद केंद्र की ओर से उपायुक्त सिरमौर सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों को स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया ।इस मौके पर विभिन्न समाचार पत्रों के संवादातागण, विश्व संवाद केंद्र के पदाधिकारियों ने भाग लिया ।

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