सिरमौर जिला में आगामी 4 से 17 जून, 2018 तक गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा आयोजित किया जाएगा जिसमें लोगों को छोटे बच्चों के डायरिया के लक्षण तथा उसके बचाव बारे जानकारी दी जाएगी ।
यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर श्री ललित जैन ने आज यहां डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा के आयोजन के लिए गठित जिला टास्क फोर्स समिति तथा वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी ।
उन्होंने कहा कि इस डायरिया नियंत्रण पखवाड़े के अतंर्गत ज़िला सिरमौर के पंाच साल तक के लगभग 62 हजार छोटे बच्चों के परिजनों को ओआरएस के पैकेट तथा जिंक टेबलेट उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होने कहा कि विशेेषकर बरसात के मौसम के दौरान पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में डायरिया होने की सर्वाधिक संभावनाऐं रहती है जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के अतिरिक्त आशा वर्कर घर घर जाकर छोटे बच्चों के अभिभावकों को ओआरएस के पैकेट और जिंक दवा वितरित करने के साथ साथ डायरिया से बचाव बारे जानकारी भी देगें ।
उपायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान लोगों को हाथ धोने के तरीके बारे भी व्यवहारिक रूप से जानकारी दी जाए । इसके अतिरिक्त लोगों को अपने घर व आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ रखने बारे भी जागरूक किया जाए। उन्होने कहा कि लोगों को बरसात के दौरान पानी उबाल कर पीने की सलाह दी जाए तथा घरों में लगी पानी की टंकियों की सफाई भी समय पर की जाए और जल का क्लोरिनेशन करके इस्तेमाल किया जाए ।
उन्होने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि पाठशालाओं में प्रातःकालीन सभाओं में बच्चों को डायरिया तथा डेगू से बचाव बारे जानकारी देने के अतिरिक्त खाना बनाने,खाना खाने से पहले तथा शौच जाने के बाद हाथ धोने बारे भी जागरूक किया जाए । उन्होने कहा कि मिड-डे-मील में कार्य कर रहे कर्मचारियों को भी हाथ धोने की तकनीक बारे जानकारी दी जाए। उन्होने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी केंद्रों मेे शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों को भी स्वच्छ रखने बारे उनके अभिभावको को जागरूक किया जाए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 संजय शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा के आयोजन के लिए किए गए प्रबन्धों बारे विस्तृत जानकारी दी । उन्होंने कहा कि डायरिया होने की स्थिति में शरीर मंे पानी की कमी न आने दें तथा एक लीटर पानी में एक पैकट ओआरएस का घोल दिन मंे पांच से 6 बार अवश्य पीये तथा जिंक की आधी गोली 6 माह से छोटे बच्चे को जबकि एक गोली 6 माह से बड़े बच्चों की दी जा सकती है।बैठक में डा0 वाई एस परमार मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा0 के के पराशर, जिला में कार्यरत समस्त बीएमओ, उप निदेश डीआरडीए रती राम तथा अन्य संबधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।