जंगलों में बढ़ रही आगजनी की घटनाओं पर रोक लगाना सभी वर्ग के लोगों का सामूहिक दायित्व है। अपने कर्तव्यों का तत्परता से निर्वहन करके न केवल आगजनी की घटनाओं को रोका जा सकता है अपितु करोड़ों रूपए की राष्ट्रीय सम्पति को नष्ट होने से भी बचाया जा सकता है। यह बात उपायुक्त विवेक भाटिया ने जंगलों में आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि जंगल की आग से करोड़ों रूपए के नुकसान के अतिरिक्त बेजुवान पक्षियों, जीव जन्तुओं की दर्दनाक रूप से जान तो जा ही रही है साथ में मानव जीवन के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई अतिश्योक्त्ति नहीं कि स्थानीय असमाजिक तत्वों द्वारा जंगलों में अपने निजी स्वार्थ के लिए आग लगाई जा रही है लेकिन आमजन का कर्तव्य एवं दायित्व बनता है कि वे उन लोगों की पहचान कर इसकी सूचना सम्बन्धित विभागों तक पहुवाएं ताकि आग लगाने वाले लोगों के खिलाफ दंडित करने के लिए कड़ी कार्यवाई अमल में लाई जा सके। उन्होंने कहा कि आग लगाने वाले की सूचना देने वाले को पुरस्कार दिया जाएगा और उनका नाम गोपनीय रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि लोगों के द्वारा बरतनदारी के अतिरिक्त वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण करके घासनियां बनाई गई हैं और अच्छे घास के लालच में लोग उन घासनियों में आग लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को चिन्हित करने के लिए पटवारी, फोरेस्ट गार्ड व पंचायत सचिव की सयुक्त समिति 15 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी ताकि आग लगाने वाले लोगों की पहचान करके उनके विरूद्ध दंडित करने की प्रक्रिया की जा सके। उन्होंने सम्बन्धित विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा वन भूमि में किए गए अवैध कब्जों की पहचान करने के उपरांत शीघ्रता से अतिक्रमण को समाप्त करने की कार्यवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर आपदा प्रबन्धन समितियों का गठन किया जाएगा। पंचायत प्रधान, उपप्रधान, बार्ड पंच व पंचायत सचिवों को आगजनी की घटनाओं पर नियंत्रण करने व रोकने के लिए जिला आपदा प्रबन्धन समिति द्वारा आग बुझाने बारे प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि वे ग्रामीण स्तर तक अन्य लोगों व स्कूली बच्चों व स्वयं सेवी संस्थाओं को प्रशिक्षित व जागरूक कर सकें।
उन्होंने कहा कि अग्निशमन विभाग की आग बुझाने वाली गाड़ियों के जल भंडारण टैंको में पुनः पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाने के लिए जिला आपदा प्रबन्धन प्रभारी, अग्निशमन विभाग, पंचायती राज विभाग, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी , कर्मचारी आपसी समन्वय स्थापित कर ग्रामीण स्तर पर जल स्रोतों को चिन्हित करेंगे ताकि आगजनी की घटनाओं केे दौरान शीघ्र पानी की आपूर्ति संभव हो सके।
उन्होंने विद्युत विभाग के अघिकरियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि बिजली ट्रासंफारर्मों के समीप की झाड़ियों व पेड़ों की टहनियों की उचित साफ – सफाई सुनिश्चित करें ताकि आगजनी के दौरान उपकरणों को किसी भी प्रकार की हानि न पहुंचे और विद्युत आपूर्ति भी सुचारू रूप से बनी रहे।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि आगजनी की घटनाओें को अंजाम देने वाले असमाजिक तत्वों के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता के अन्र्तगत अपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा ताकि उन्हें कड़ी संजा दी जा सके।
कमांडेट होम गार्ड राहुल, एसीएफ शुकल्प कुमार शर्मा ने विस्तृत रूप से चर्चा की व आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। बैठक में डीआरओ देवी राम, बीडीओ गौरव घीमान, प्रभारी जिला आपदा प्रबन्धन प्रवीण भारद्वाज, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, विद्युत विभाग के अधिकारियोें के अतिरिक्त विभिन्न पंचायतों के प्रधान, उप प्रधान तथा पंचायत सचिव उपस्थित रहे।