एनजीटी के आदेशों के बाबजूद रोहतांग से पार हो रहे दस साल की अवधि पार कर गए वाहन,विदेशी महिला की मौत ने खोली पोल

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(धनेश गौतम )  देश के सबसे ऊंचे दिल्ली-लेह मार्ग पर सड़क दुर्घटना में मारी गई विदेशी महिला की मौत ने जहां टुरिज्म डिवेल्पमैंट कौसिंल के इंतजामों की पोल खोल दी है वहीं, रोहतांग बैवसाईट को दरकिनार कर मौत की सवारी करवाने का मामला सामने आया है। दिल्ली-लेह मार्ग में लाहुल-स्पीति के कोलंग में विदेशी पर्यटकों से भरा वाहन दुर्घटना होने के बाद खुलासा हुआ है कि यहां एनजीटी के आदेशो की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।
हैरानी इस बात की है कि रोहतांग दर्रा को दस साल से पुराना वाहन किसी भी सूरत में पार नहीं कर सकता है लेकिन फिर भी मौत की सवारी ले जाकर ऐसे वाहन रोहतांग दर्रा को आरपार कर रहे हैं। एनजीटी के आदेशों के मुताबिक रोहतांग दर्रा से दस साल से ज्यादा पुराना पर्यटक वाहन नहीं जा सकता है। लेकिन गत दिन देश के सबसे ऊंचे मार्ग दिल्ली-लेह जाते समय केलांग से 14 किलोमीटर की दूरी पर कोलंग में जिस टयोटा क्वालिस में इजराईली महिला की मौत हुई है और पांच अन्य विदेशी पर्यटकों सहित छह घायल हुए हैं वह वाहन 14 वर्ष पुराना निकला है।
अब सवाल यह उठे हैं कि रोहतांग दर्रा को 14 वर्ष पुराने वाहन ने आर-पार कैसे किया। जबकि टुरिज्म डिवेल्पमैंट कौसिंल द्वारा मढ़ी में हाईटैक बैरियर लगाया गया है। इसके अलावा रोहतांग दर्रा को आर-पार करने के लिए बकायदा वाहनों को वियोंड रोहतांग परमिट लेना पड़ता है। रोहतांग जाने वाले पर्यटकों को रोहतांग परमिट लेना पड़ता है जो ऑनलाईन है। इसके अलावा वियोंड रोहतांग जाने वाले पर्यटकों को भी ऑनलाईन परमिट मिलता है। लेकिन रोहतांग बैवसाईट दस वर्ष से पुराने वाहनों की रिकुऐसट को स्वीकार ही नहीं करती है।
बावजूद इसके 14 वर्ष पुराना वाहन जम्मू-कश्मीर से मनाली कैसे पहुंचा और मनाली से विदेशी पर्यटकों को ले जाकर वापस कैसे गया। इसमें बड़ गड़बड़ झाले का मामला सामने आ रहा है। गौर रहे कि रोहतांग दर्रा जाने के लिए एनजीटी ने विशेष आदेश दे रखे हैं। जिसमें दिन में मात्र 1200 वाहन ही रोहतांग दर्रा जा सकते है। इसमें 800 पेट्रोल व 400 डीजल वाहन शामिल है। लेकिन इसके अलावा वियोंड रोहतांग परमिट भी शामिल है।
वियोंड रोहतांग परमिट मात्र 50 रूपए में मिलता है जिसमें लाहुल-स्पीति के अलावा लेह-लद्दाख व पांगी-भरमौर के लोग जा सकते हैं। लेकिन रोहतांग दर्रा को कोई भी ऐसा वाहन पार नहीं कर सकता है जो दस वर्ष से पुराना हो। लेकिन विदेशियों को लेह ले जा रहे जो वाहन दुर्घटना ग्रस्त हुआ है वह 14 वर्ष पुराना था। अब सवाल आम जनता व सोशल मीडिया ने उठाने शुरू कर दिए है कि आखिर 14 वर्ष पुराना वाहन रोहतांग दर्रा को आर-पार कैसे कर पाया। सनद रहे कि सोमवार को लाहुल-स्पीति के कोलांग में विदेशी पर्यटकों को लेह-लद्दाख ले जा रहा एक वाहन  दुर्घटना ग्रस्त हुआ था। इस घटना में एक विदेशी महिला की मौत हो गई थी और पांच विदेशी सहित चालक समेत छह लोग गंभीर रूप से
घायल हो गए थे। इस घटना ने रोहतांग दर्रा आर-पार करने वाले सिस्टम की पोल खोल कर रख दी हैं।

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