सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में मंगलवार को डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज एससी कैथला ने दुष्कर्म के एक दोषी को 7 साल का कारावास व 50 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की एवज में दोषी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगताना होगा। जिला न्यायवादी एमके शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 31 अक्टूबर 2014 को नाहन कि एक नाबालिक छात्रा को दोषी जितेंद्र उर्फ आशु थापा पुत्र पूर्ण सिंह निवासी हरलू डमोथ पोस्ट ऑफिस चलाना तहसील नाहन नाहन अपने साथ भगाकर ले गया।
नाबालिक के पिता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन कर दोषी को पांच दिन बाद शिलाई के टिम्बी से उसके मामा के घर से गिरफ्तार कर लिया। जिला न्यायवादी एमके शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि नाबालिक से जितेंद्र उर्फ आशु थापा की मुलाकात फेसबुक के माध्यम से 21 मार्च 2014 को हुई। उसके बाद वह नाहन बस स्टैंड व रानीताल पार्क में कई बार मिले। फिर 31 अक्टूबर 2014 को जितेंद्र नाबालिक युवती को जो घर से स्कूल आई थी, भगा कर ले गया। नाहन बस स्टैड से वह रानीताल पार्क होते हुए शिमला रोड पहुंचे। जहां से वह दोषी के दोस्त के ट्रक में ददाहू पहुंचे। ददाहू में रुकने के बाद वह अगले दिन बस से पांवटा साहिब गए।
पांवटा साहिब से यमुनानगर गए। जहां पर वह दोषी के दोस्ती घर पर रुके। उसके बाद वह यमुनानगर से अगले दिन फिर पावंटा साहिब आये और होटल में रुके। फिर दो नंबर 2014 को वह श्रीरेणुकाजी बस से आए और श्रीरेणुकाजी मेले में घूमे। इस दौरान वह दोषी के दोस्त के घर पर ठहरे। फिर 3 नवंबर को उसके मामा के घर टिंबी चले गये। इस दौरान दोषी ने नाबालिग से कई बार जबरन शरीरिक संबंध बनाएं। नाहन पुलिस ने 4 नवंबर को दुष्कर्म के दोषी को टिंबी से गिरफ्तार कर लिया। युवती को मेडिकल जांच के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने मामले में गहन छानबीन कर न्यायालय में चालान पेश किया। इस दौरान दोनों पक्षों की जीरह व गवाहों की सुनवाई के बाद डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज ने दोषी को दुष्कर्म के आरोप में 7 साल की सजा व 50 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही जुर्माना अदा न करने की एवज में दोषी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगताना होगा।