(जसवीर सिंह हंस ) प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों पर बने डिजिटल राशन कार्ड उपभोक्ताओं के लिए सिरदर्द बनकर रह गए हैं। इनमें कई त्रुटियां होने के चलते उपभाक्ताओं को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। त्रुटियां होने के कारण उपभोक्ताओं को राशन भी नहीं मिल रहा है। उधर, डिपो संचालकों द्वारा राशन कार्ड का प्रिंट मगवाया जा रहा है। इस कारण लागों को राशन लेने को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। शहर के सेंकडो राशन कार्ड धारक हैं। इनमें से कई लागों के राशन कार्ड उन्हें नहीं मिले हैं। जिन लोगों को राशन कार्ड मिले भी हैं, उनमें भी कई त्रुटियां पाई गई हैं।
उपभोक्ताओं ने बताया कि सरकार ने राशन कार्ड घर के मुखिया के रूप में महिला के नाम से बनाए हैं। लेकिन जिन उपभोक्ताओं को राशन कार्ड नहीं मिले हैं, उन्होंने जब लोकमित्र केंद्र से ऑनलाइन राशन कार्ड का प्रिंट निकाला गया तो उसमें पुरुष का आधार कार्ड डालने पर ही प्रिंट निकला, जबकि राशन कार्ड पर महिला मुखिया का नाम है। गरीब लोगों को अब राशन लेने में यह भी दिक्कत सामने आ रही है कि सरकार ने राशन पर मिलने वाली सबसिडी को राशन कार्ड धारक को उनके बैंक खातों में डालने का निर्णय लिया है।
इससे गरीब तबका पूरे पैसे देने में अपनी असमर्थता जता रहा है। गरीब लोगों का कहना है कि पहले कम पैसों में राशन आ जाता था, अब अगर पैसे कम होंगे तो पूरा राशन डिपुओं से नहीं खरीद पाएंगे। वहीं डिपो होल्डर द्वारा राशन कार्ड धारकों से बैंक खाता नंबर, परिवार सदस्यों की सूची व परिवार के आधार नंबर भी मांगें जा रहे हैं। डिपो होल्डर का कहना है कि वे लोगों को राशन दें या लोगों के राशन कार्ड ढूंढे या फिर जो राशन कार्ड में त्रुटियां को ठीक करें। स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस दुविधा से उन्हें निजात दिलाई जाए।