ज्योतिष एक पुरातन भारतीय विद्या है परन्तु आधुनिक युग यह एक शोध का विषय भी है, जिसके माध्यम से जहां इसके शोधकर्ता जन मानस की समस्याओं को सुलझाने के लिए उपाय बताते हैं, वहीं वर्तमान यह एक विज्ञान के रूप में विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम भी है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज अखिल भारतीय सरस्वती ज्योतिष मंच द्वारा आयोजित सम्मेलन के पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्योतिष विज्ञान से भारतीय संस्कृति को बढ़ावा मिलता है, वहीं युवा वर्ग के लिए ज्योतिष विज्ञान रोजगार का अच्छा साधन भी है। उन्होंने कहा कि इसको सिखाने वाले समाज में समरसता की भावना जागृत कर समाज के उत्थान में सहयोग देते हैं। उन्होंने कहा कि ज्योतिष एक ऐसा ज्ञान है, जो हमारी संस्कृति में जन्म से आरम्भ होता है और जीवन के अंत तक साथ रहता है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि ज्योतिष की शरण में वही व्यक्ति जाता है जो समस्याओं से ग्रस्त हो अथवा भयक्रांत हो। उन्होंने ज्योतिष आचार्यों से आहवान किया कि वे अपने ज्ञान से उनकी समस्याओं का समाधान करें और अपनी साधन सम्पन्नता के लिए ज्ञान का दुरूपयोग न करें। उन्होंने कहा कि इस विद्या के विकास व प्रसार के लिए अधिकाधिक शोध किए जाएं ताकि इसके माध्यम से भारत सांस्कृतिक विश्व गुरू बनने के मार्ग पर अग्रसर हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार विश्वविद्यालय में ज्योतिष पाठ्यक्रम आरम्भ करने पर विचार करेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न ज्योतिष आचार्यों को सम्मानित भी किया तथा उदयीमान ज्योतिषों को पुरस्कार भी वितरित किए।इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। इस अवसर पर विक्रांत शर्मा, अजय भाम्बी, पंडित विपिन शर्मा, आर.के. भारद्वाज तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।