उपायुक्त सिरमौर ने आज पांवटा के समीप सतौन में पतल-डोना निर्मित करने वाले जिला के दूसरे लघु उद्योग का विधिवत शुभारंभ किया । उन्होने बताया कि जिला सिरमौर ने प्रदेश में इस दिशा में एक अनूठी पहल की है और जहां पर पत्तो से तैयार डून्ने व पत्तल प्लास्टिक व थर्मोकोल के विकल्प के रूप में प्रयोग में लाऐं जाएंगे वही पर स्थानीय विशेषकर महिलाओं को घरद्वार पर स्वरोजगार उपलब्ध होगा ।
उपायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि सिरमौर जिला में मालझन, सॉल और सागवान के पत्तों से डोने व पत्तल बनाने की काफी क्षमता विद्यमान है और इस व्यवसाय से जिला के स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा गया है । उन्होने बताया कि डोने और पत्तल के लघु उद्योग जिला के अन्य क्षेत्रों में भी ग्रामीण विकास विभाग के सौजन्य से स्थापित किए जा रहे है जिसके लिए स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।
उन्होने बताया कि पत्तों व डोने को निर्यात करने वाला जिला सिरमौर शीघ्र ही प्रदेश में पहला जिला बनेगा जोकि पूरे प्रदेश की मांग को पूरी करने की क्षमता रखता है।उन्होने कहा कि सतौन में स्थापित डोने व पत्तल के इस लघु उद्योग में इस क्षेत्र के छः स्वयं सहायता समूहों की 60 महिलाओं को शामिल किया गया है ताकि महिलाओं को घरद्वार पर स्वरोजगार उपलब्ध हो सके । उन्होने बताया कि इन स्वयं सहायता समूहों में लक्ष्मी एसएचजी, ओम एसएचजी, सरस्वती एसएचजी, वैभव लक्ष्मी, माता बाला सुंदरी और श्री रेणुकाजी एसएचजी को जोड़ा गया है ।
उपायुक्त ने कहा कि पत्तों से बने डूने, पत्तल पर्यावरण की दृष्टि से लाभदायक होने के साथ-साथ इनके बचे अवशेष पशुओं का आहार भी बन सकते है। उन्होने कहा कि इस व्यवसाय को पुर्नजीवित करने के लिए महिलाओं को इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि जिला मंे सभी सरकारी कार्यक्रमों में पत्तों से बने डूने पत्तल ही प्रयोग मंे लाए जाएंगे जिसके लिए इन स्वंय सहायता समुह को पचास हजार पत्तलों के निर्माण का कार्य दिया गया है। उन्हांेने स्वंय सहायता समुह को अपनी आर्थिकी को सुदृढ करने के लिए मोमबती निर्माण के कार्य में आगे आने का आहवान और जिसके लिए उन्हें सहायता प्रदान की जाएगी।
उन्होंने परियोजना अधिकारी डीआरडीए को निर्देश दिए की स्ंवय सहायता समुह के माध्यम से खाली पड़ी जमीन पर मालझन की बेलों को उगाया जाए ताकि इनके पत्तें डूना व पत्तल के निर्माण के लिए उपलब्ध हो सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मशीन के प्रयोग का प्रशिक्षण सभी महिलाआंे को उचित प्रकार से दिया जाए ताकि कार्य करते समय किसी प्रकार की दुर्घटना न हो ।
इस अवसर पर स्थानीय पंचायत के प्रधान रजनीश चौहान ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और सतौन में पत्तल डोन तैयार करने के लघु उद्योग स्थापित करने के लिए उपायुक्त का आभार व्यक्त किया । उन्होने कहा कि सतौन इस क्षेत्र की दस पंचायतों का केंद्र है तथा इस लघु उद्योग से प्रेरणा लेकर लोग अपने अपने क्षेत्र में पत्तल डोेने की मशीन स्थापित करने के लिए प्रयासरत रहेगें । उप प्रधान रामेश्वर शर्मा ने धन्यवाद किया ।इस अवसर पर परियोजना अधिकारी डीआरडीए रती राम वर्मा, खण्ड विकास अधिकारी पांवटा अभिषेक जैन , बीडीसी सदस्य खतरी राम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी उपसिथत थे।