केंद्र सरकार द्वारा 8 नवंबर 2016 को की गई नोटबंदी के डेढ़ वर्ष बाद भी पुराने नोट मिलने और उसमें भी नकली नोट पाए जाने का सिलसिला अब भी जारी है। ऐसा ही एक मामला पांवटा साहिब पुलिस थाना में पंजीकृत हुआ है। भारतीय रिर्जव बैक के क्षेत्रीय कार्यालय कानपुर के अनुभाग अधिकारी सत्य कुमार दाबा ने भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पांवटा साहिब के तत्कालीन प्रबंधन के खिलाफ जाली नोट लोगों से बिना जांच के लेने का मामला दर्ज करवाया है।
15 जून पुलिस अधीक्षक सिरमौर को लिखे पत्र में आरबीआई अनुभाग अधिकारी सत्य कुमार दाबा ने बताया कि नोटबंदी के दौरान एसबीआई पांवटा साहिब शाखा ने पुराने 500 के 109 नोट व 1000 के 34 नोट, जोकि 88 हजार 500 रूपये बनते है। नोटबंदी में लोगों से वापिस लिये नोट आरबीआई कानपुर को भेजे थे। जब उन्होंने इन नोटों की छानबीन की तो पाया कि यह जाली नोट हैं। उसके बाद उन्होंने इसे एनसीआरबी की साइट पर अपलोड कर दिया। उसके बाद इन्होंने मध्य प्रदेश के देवास स्थित आरबीआई कि नोट बनाने वाली प्रेस से भी इन नोटों की जांच करवाई गई। जहां पर यह नोट नकली पाए गए।
उसके बाद मार्च 2018 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पांवटा शाखा को एक बार फिर जाली नोटों की जानकारी पुरे दस्तावेजों के साथ दी गई। पुलिस को लिखे पत्र में अधिकारी ने मांग कि है जांच कर पता करे कि किस अधिकारी ने नोटबंदी के दौरान बिना जांच के ये नोट लोगों से लिया थे। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर न्यायलय में पेश कर आगामी कार्रवाही करवाये। उसकी जानकारी आरबीआई कार्यालय को भेजे। आरबीआई अधिकारी की लिखित शिकायत पर सोमवार को विभिन्न धाराओं में एसबीआई पांवटा साहिब प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। एएसपी सिरमौर वीरेंद्र ठाकुर ने मामले की पुष्टि की है।