आज नाहन में जिला कांग्रेस कमेटी सिरमौर ने जिलाध्यक्ष अजय सोलंकी ने नेतृत्व में राफेल विमान डील घोटाले को लेकर ज़ोरदार प्रदर्शन किया तथा पीएम मोदी का पुतला फूंका तथा डीसी सिरमौर के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा । अजय सोलंकी ने कहा कि राफेल डील में घोटाला हुआ है । देश की जनता जानना चाहती है कि 570 करोड़ का विमान 1570 करोड़ में क्यों खरीदा गया है । देश के पीएम मोदी इस मुद्दे पर मौन है तथा जवाब देते तक को राजी नही है । उन्होंने कहा कि राफेल डील रक्षा सौदे घोटाले से मोदी ने देश की जनता को धोखा दिया है।
अजय सोलंकी ने केन्द्र की मोदी सरकार पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा कि राफेल डील घोटाले में मोदी चोकीदार नही बल्कि भागीदार हैं मोदी देश की जनता के प्रति अपने जवाब देहि से भाग नही सकते हैं और कांग्रेस पार्टी राफेल डील घोटाले को आम जनता के बीच ले जाएगी व उनकी पोल खोलेगी । इस दौरान अजय सोलंकी ने काँग्रेस कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार में देश में लोगो को सामाजिक व धार्मिक आधार पर बांटने का माहौल फैला कर राफेल गोटाले से ध्यान हटाया जा रहा है । लेकिन कांग्रेस पार्टी इस घोटाले को लेकर जन जागरण छेड़ेगी !
राफेल डील से जुड़े अहम बिंदु :-
1.60,145 करोड़ रु की राफेल डील की वास्तविकता यह है कि 36 राफेल लड़ाकू जहाजों की एकतरफा खरीद से सीधे.सीधे ष्गहरी साजिशष्ए ष्धोखाधड़ीष् व ष्सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने की बू आ रही है।
- राफेल जहाज बनाने वाली कंपनीए डसॉल्ट एविएशन ने 13 मार्चए 2014 को एक ष्वर्कशेयर समझौतेष् के रूप में सरकारी कंपनीए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ;एचएएलद्ध से 36ए000 करोड़ रुण् के ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए। मगरए प्रधानमंत्रीए नरेंद्र मोदी जी का ष्क्रोनी कैपिटलिज़्म प्रेमष् तब जगजाहिर हो गयाए जब 10 अप्रैलए 2015 को 36 राफेल लड़ाकू जहाजों के खरीद की मोदी जी द्वारा की गई एकतरफा घोषणा के फौरन बादए सरकारी कंपनीए एचएएल को इस सबसे बड़े ष्डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्टष् से दरकिनार कर दिया गया व इसे एक निज़ी क्षेत्र की कंपनी को दे दिया गया।
- ष्डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्टष् एक निजी कंपनीए रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को दे दिया गयाए जिसे लड़ाकू जहाजों के निर्माण का शून्य भी अनुभव नहीं। रिलायंस डिफेंस लिमिटेड का गठन फ्रांस में 10 अप्रैल, 2015 को प्रधानमंत्री जी द्वारा 36 राफेल लड़ाकू जहाजों की खरीद की घोषणा किए जाने से 12 दिन पहले यानि 28 मार्च, 2015 को किया गया। रिलायंस डिफेंस लिमिटेड के पास लड़ाकू जहाज बनाने का लाईसेंस तक नहीं था।
- हैरानी की बात यह है कि रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड को रक्षा मंत्रालय द्वारा लड़ाकू जहाजों के निर्माण का लाईसेंस तो दिया गयाए लेकिन 2015 में लाईसेंस का आवेदन देने व उसके बाद लाईसेंस दिए जाने की तिथि, 22 फरवरीए 2016 को इस कंपनी के पास लड़ाकू जहाज बनाने की फैक्ट्री लगाने के लिए न तो कोई जमीन थी और न ही उस पर कोई बिल्डिंग। आश्चर्य की बात यह भी है कि रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड का गठन 24 अप्रैल, 2015 यानि प्रधानमंत्री जी द्वारा 10 अप्रैल, 2015 को फ्रांस में 36 राफेल लड़ाकू जहाजों की खरीद की घोषणा करने के 14 दिन बाद ही किया गया था।
- चौंकाने वाले खुलासों एवं प्रमाणों से 30,000 करोड़ रुण् का ष्डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्टष् रिलायंस समूह को दिए जाने बारे रक्षामंत्रीए श्रीमती निर्मला सीतारमन का झूठ जगजाहिर हो चुका है। इसके अलावाए रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए डिफेंस ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट दिशानिर्देशों का घोर उल्लंघन जगजाहिर है। रिलायंस समूह व डसॉल्ट एविएशन के 30,000 करोड़ के ऑफसैट कॉन्ट्रैक्ट के साझे समझौते को रक्षामंत्री व एक्विजि़शन मैनेजरए रक्षा मंत्रालय की अनुमति दिशानिर्देशों के मुताबिक अनिवार्य थी। पूरे मसौदे को डिफेंस एक्विजि़शन काउंसिल के समक्ष पेश करना भी जरूरी था। खुद मोदी सरकार ने ही रक्षा मंत्रालय के सभी दिशानिर्देशों की धड़ल्ले से धज्जियां उड़ा दीं।
6.. यूपीए सरकार के समय साढ़े पांच सौ करोड़ में खरीदे जा रहे राफेल को मोदी सरकार को 1600 करोड़ से अधिक में खरीदने की जरूरत क्यों पड़ी।
- कांग्रेस पार्टी जानना चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट के बार.बार पूछे जाने पर भी मोदी सरकार लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं कर रही। इसके पीछे कौन सी वजह है।
अजय सोलंकी ने प्रदेश भाजपा सरकार पर भी वार करते हुए कर्मचारियों का शोषण व दबाब डालने का आरोप लगाया उन्होंने कहा कि प्रदेश की जयराम सरकार तबादलो की बजाय विकास पर ध्यान दे नही तो कांग्रेस सरकार के खिलाफ पूरे प्रदेश भर में आंदोलन छेड़ेगी ।