मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के 16 अगस्त, 2018 को हुए दुःखद निधन पर शोक व्यक्त किया गया। शोक संकल्प प्रस्ताव पारित करते हुए मंत्रिमण्डल ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा राष्ट्र के लिए तथा विशेष रूप से राज्य के लिए उनके योगदान को सराहा।
श्री अटल बिहारी वाजपेयी के बहुमुखी व्यक्तित्व का वर्णन करते हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि राजनेता होने के अलावा वह एक उत्कृष्ट वक्ता, कवि और एक भावुक पत्रकार भी थे। मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश तथा लोगों के लिए उनके द्वारा विभिन्न बड़ी परियोजनाओं की मंजूरी, विशेष उदारता, उनके प्यार और स्नेह को याद किया।
मंत्रिमण्डल ने अपने प्रस्ताव में कहा कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी हमेशा हिमाचल प्रदेश को अपना दूसरा घर मानते थे और कुल्लू जिले के प्रीणी में उनका एक घर है। जब भी उन्हें अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय मिलता था तो वे राज्य की यात्रा करना पसन्द करते थे। मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ श्री वाजपेयी जी की उदारता तथा विशेष लगाव को याद करते हुए प्रस्ताव में कहा गया कि लाहौल घाटी को शेष विश्व से जोड़ने वाली रोहतांग सुरंग का निर्माण का विचार श्री वाजपेयी के मन में वर्ष 1998 में आया था। उन्होंने इस परियोजना के निर्माण की घोषणा 3 जून, 2000 को की। यह परियोजना अब पूरी होने को है तथा यह राज्य के लिए वाजपेयी जी का सबसे बड़ा उपहार होगा।
संकल्प में कहा गया है कि यह श्री वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार थी, जिसने वर्ष 2003 में हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश में हजारों करोड़ रुपये का निवेश के साथ-साथ राज्य के लाखों युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।
मंत्रिमण्डल ने भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बनाने में श्री वाजपेयी के योगदान को याद करते हुए कहा कि यह श्री वाजपेयी जी की ही दृढ़ इच्छा शक्ति थी कि भारत ने पोखरण परमाणु परीक्षण किया तथा भारत एक परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बन पाया। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान सबसे बड़े शिक्षा कार्यक्रम ‘सर्व शिक्षा अभियान’ को आरम्भ किया गया था।
मंत्रिमण्डल ने अपने प्रस्ताव में कहा कि श्री वाजपेयी जी के कार्यकाल के दौरान स्वर्णिम चतुर्भुज राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना आरम्भ की गई थी, जो आज भारत में व्यापार की जीवन रेखा के रूप में सामने आई है। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का उद्देश्य भारत के पांच लाख गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ना है, जो विशेष रूप से हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य के लिए वरदान साबित हुई है।
प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि श्री वाजपेयी की नीतियों ने विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) के निर्माण पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं प्रदान करने के लिए दूर संचार सपैक्ट्रंम को निजी क्षेत्र को प्रदान किया, जिससे सुदृढ़ आर्थिक विकास के मार्ग प्रशस्त हो पाया हैं।
मंत्रिमण्डल ने श्री वाजपेयी द्वारा प्रदेश की कोल बांध, पार्वती जल विद्युत परियोजना के अतिरिक्त सोलन के निकट हरट में मोहन शक्ति राष्ट्रीय हैरिटेज पार्क की रखी गई आधारशिलाओं को भी सम्मान के साथ याद किया गया। मंत्रिमण्डल ने रोहतांग सुरंग का नाम श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर नामकरण करने के लिए केन्द्र सरकार को एक आग्रह प्रस्ताव भेजने का प्रस्ताव पारित किया।
मंत्रिमण्डल ने राज्य सरकार द्वारा आरम्भ की गई मुख्यमंत्री आदर्श विद्या केन्द्र योजना का नाम श्री अटल आदर्श विद्या केन्द्र तथा मुख्यमंत्री आर्शीवाद योजना का नाम श्री अटल आर्शीवाद योजना करने का भी निर्णय लिया।बैठक में मनाली में स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की याद में स्मारक बनाने का भी निर्णय लिया गया।मंत्रिमण्डल ने शिमला स्थित रिज़ या मालरोड़ में श्री वाजपेयी की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया।मंत्रिमण्डल ने कोल डैम परियोजना का नाम बदल कर अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने का निर्णय लिया।मंत्रिमण्डल ने दिवंगत आत्मा के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा।