हिमाचल में दलित नेता हत्याकांड में शिमला के अाईजीएमसी अस्पताल में बवाल के बाद देर रात रिज पर शव रखकर प्रदर्शन किया गया। बताया जा रहा है कि शनिवार शाम को मृतक केदार सिंह जिंगान का पोस्टमार्टम शिमला के अाईजीएमसी में हो रहा था, इसी बीच मृतक के परिवार और दलित समाज के लोग अस्पताल में इकट्ठा हो गए। ।
दलित समाज के लोगों ने सिरमौर से लेकर शिमला तक प्रदर्शन किया। अस्पताल में डेडबॉडी के पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस द्वारा उसको जबरदस्ती ले जाने से उपजे विवाद ने दलित समाज के रोष में घी डालने का काम किया। पुलिस की कार्रवाई से नाराज लोगों ने विरोध जताने के लिए सीएम के घर के बाहर जाने का निर्णय लिया और भारी पुलिस बंदोबस्त भी इनको रोकने में नाकाम रहा।
दलित नेता केदार सिंह जिंदान के शव को दलित समर्थक और माकपा नेता देर रात आईजीएसमी से सीएम आवास ले जा रही थे। शव लेकर रिज पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोका। समर्थकों ने शव को रिज पर बने वर्षाशालिका में रखा।वहीं शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज रिज पर पहुंचे उनके साथ डीआईजी एसपी भी मौजूद थे। लगभग एक घंटे तक माकपा नेता राकेश सिंघा और शिक्षा मंत्री के बीच वार्ता होती रही। बाद में दोनों पक्षों की बातचीत सफल हुई और सरकार ने मृत केदार के परिजनों को 25 लाख का मुआवजा, बच्चों की पढ़ाई का पूरा ख़र्चा,बीबी को मिलेगी नॉकरी देने की बात कही।
जिसके बाद परिजन शव को सिरमौर ले गए। वहीं दलित नेता केदार सिंह जिंदान का दाह संस्कार पुलिस की अगुवाई में होगा |हिमाचल में दलित नेता की इस तरह से हुई हत्या का पहला मामला है