नाहन :पीड़ित माता-पिता को गुजारा भत्ता दिलवाने में जिला कल्याण अधिकारी निभाएगें अहम भूमिका

 

आश्रित माता-पिता भरण- पोषण अधिनियम 2001 के तहत पीड़ित माता-पिता को गुजारा भत्ता दिलवाने में जिला कल्याण अधिकारी अहम भूमिका निभाएगें।यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर श्री ललित जैन ने आज यहां उपायुक्त कार्यालय के सभागार में हि0प्र0, आश्रित माता-पिता भरण-पोषण अधिनियम 2001 की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।

You may also likePosts

उपायुक्त ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपने वृद्ध माता-पिता की देखभाल नही ंकरते तो ऐसी स्थिति में पीड़ित माता-पिता को केवल जिला कल्याण अधिकारी को संपर्क करना होगा और यह अधिकारी स्वयं इस बारे मामला संबधित क्षेत्र के एसडीएम के संज्ञान में लाएगें और एसडीएम के निर्णय देने तक माता-पिता पांच सौ रूपये प्रतिमाह गुजारा भता के हकदार होगें ।

उपायुक्त ने कहा कि ऐसे मामलों को एसडीएम को छः माह के भीतर निपटाना अनिवार्य होगा और यदि पीड़ित माता-पिता का पुत्र सरकारी सेवा अथवा निजी कंपनी में कार्यरत है तो उसके वेतन से भरण पोषण भत्ता काट दिया जाएगा । इसके अतिरिक्त यदि माता पिता द्वारा अपनी सारी जयदाद बेटे के नाम करवा दी है और वह अपने वृद्ध माता पिता की देखभाल नहीं करता, ऐसी स्थिति में सारी सम्पति का अटैच करके माता पिता को जाएगी और बेटे को गुजारा भत्ता भी अदा करना पड़ेगा ।

उन्होने कहा कि कानूनी तौर पर प्रत्येक व्यक्ति को अपने वृद्ध माता पिता को गुजारा भत्ता देना अनिवार्य है। उन्होने बताया कि उपमण्डलाधिकारी नागरिक को इस अधिनियम के तहत आश्रित माता पिता को उनके बच्चों से गुजारा भत्ता दिलाने का अधिकार दिया गया है। उन्होने अधिकारियों को वृद्धजनों से प्राप्त शिकायतों पर तुरन्त कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए।

उपायुक्त ने बताया कि जनमंच अथवा अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से इस अधिनियम की जानकारी लोगों तक पहुंचाए ताकि बुजुर्ग व्यक्ति इस अधिनियम के माध्यम से अपना गुजारा भत्ता प्राप्त कर सके।इस अवसर पर उपमण्डलाधिकारी नागरिक राजगढ, पांवटा संगडाह, जिला न्यायवादी, विधि अधिकारी, जिला कल्याण अधिकारी तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित थे।

 

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!