मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने पेश की मानवता की मिसाल, सडक पर तडप रहे व्यक्ति को अपनी गाडी मे भेज दिया अस्पताल खुद चल पडे पैदल

( जसवीर सिंह हंस )वह न्याय की मूरत तो है ही साथ ही मानवता और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल भी है। मानवता का एक सजीव उदाहरण हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने उस समय पेश कर दिया जब एक व्यक्ति सडक पर तडप रहा था और हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश उस समय गाडी से अदालत की ओर जा रहे थे कि उनकी नजर अचानक उस तडपते व्यक्ति पर पडी और गाडी रूकवाकर उसे अपनी गाडी में डाला और आईजीएमसी के लिये चालक को भेज दिया और खुद अदालत के समय पैदल की चल पडे ,और जब लोगोे ने देखा तो हैरत में हो गये और सोशल मीडिया पर दनादन खबरे आने लगी।

ऐसा पहली बार नही हुआ। ध्यान हो कि जब हिमाचल प्रदेश सरकार पेयजल मुहैया करवाने में फैल हो गयी थी तो मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने अर्ध रात्रि तक अदालत लगाई और दूर दराज के इलाकों में खुद पैदल जाकर स्थिति का जायजा लिया और सरकार सहित आला अधिकारियेां को लताड लगाई और यह वही अधिकारी थे जो पेयजल सुविधा उपलव्ध करवाने में फेल हो गये थे और कुछ ही दिनो में पानी सुचारू रूप से आने लगा उस समय भी समूचे प्रदेश की जनता ने तहेदिल से संजय करोल आभार प्रकट किया खासकर शिमला वासियो ने।

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एक अन्य उदाहरण यह भी है कि जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में पनप रही एक गुण्डो की संस्था की करतूतें लगातार पूरे प्रदेश की जनता के सामने थी किन्तु निचले स्तर के अधिकारी गुण्डो की पैरवी करने से बाज नही आ रहे थे और टैक्नीकली बचा रहे थे। इतने में हिमाचल यूथ ब्रिगेड पूर्व प्रधान व उसके गैग के सदस्यों ने एक गरीब और मजलूम रिक्शा चालक का अपहरण किया और उसके साथ ​कुकर्म कर उसकी वीडियो बनाई और जान से मारने की धमकी दी।

मीडिया ने भी समाज के प्रति सक्रिय और जिम्मेदार भूमिका निभाते हुए पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार प्रकाशित किया और आला अधिकारियो के संज्ञान में लाये किन्तु राजनैतिक दवाब के चलते अधिकारियेां ने घुटने टैक दिये थे इतने में एक पत्रकार लगातार और बार बार पलिस के आला अधिकारियेा के चक्कर काट काट कर थक गया था किन्तु उसका मामला दर्ज नही हुआ

अन्त में सौनू रिक्शा चालक के एक साधारण से प्रार्थना पत्र पर संजय करौल मुख्य न्यायाधीश ने संज्ञान लिया और एसएचओ पांवटा डीएसपी पांवटा व एसपी सिरमौर सभी को अदालत में तलब करते हुए लताड लगाई लगाई थी वही एक अधिकारी जब भरी अदालत में गुण्डो की पैरवी कर दो गेैगो की लडाई दिखाने पर आमादा थे तो फिर फटकार खाई और अदालत ने कहा कि इस रिक्शा चालक का गैग से क्या वास्ता और जब पिस्टल बदलने की बात पर भी जांच बिठाई और गरीब रिक्शा चालक सहित पत्रकार व को न्याय दिलवाने व सही जांच करने के आदेश दिये।

ऐसे में एक रिक्शा चालक सौनू व उसकी मांता जिसके जिगर के टुकडे को गुण्डोें ने अपहरण कर अधमरा छोड बद्रीपुर चौक पर पटक कर भाग गये थे उनमें से मुख्य आरोपी को जेल की हवा भी खानी पडी और अदालत के बढते दवाब के बाद भी पत्रकार के अपहरण व वीडियो बनाने में भी फिर दोबारा जेल की हवा खानी। मुख्य न्यायाधीश के हस्तक्षेप के बाद ही गुण्डो के गैग पर जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में लगाम लगी। इधर दोनों पीढित उसी दिन से मुख्य न्यायाधीश को भगवान स्वरूप मानते हुए दिल से उनका धन्यवाद करते है। यह एक ऐसी मिसाल उन्होने कायम की जिससे समाज में भय गुण्डागर्दी अपराध रहित समाज की कल्पना हुई और मजलूमो को न्याय मिला।

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