श्री श्री पूर्णानंद जी महाराज 1008 जी नही रहे। पांवटा स्थित आश्रम में उन्होने आज अंतिम सांस ली। वह कई दिनो से अस्वस्थ चल रहे थे। बीते एक सप्ताह से सांस लेने की समस्या थी जिसके बाद उनको जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था। वह 120 साल के थे।
गुरूदेव के नाम से जाने जाने वाले श्री श्री पूर्णानंद जी महाराज करीब 50 साल से धौलीढांग आश्रम में तपस्यारत थे। क्षेत्र ही नही बहुत दूर दूर तक उनको अति सम्माननीय सन्यासी के तौर पर जाना जाता है। उनके पांवटा शिलाई उतराखंड,हरिद्वार हरियाणा युपी मे क ई आश्रम है। उनके लाखो अनुयायी है। गुरू जी के शरीर छोड़ने की खबर सुनते ही उनके अनुयायीयों में शोक की लहर दौड़ गई है।