( धनेश गौतम ) कई फुट बर्फ से ढकी गगनचुंबी चोटियों से घिरी लाहुल-स्पिति जिले की संकरी घाटियों में लगभग छह दिन से फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए आकाश के प्रहरियों ने वीरवार को भी एक के बाद एक कई उड़ानें भरीं। स्क्वाड्रन लीडर विपुल गोयल के नेतृत्व में भारतीय वायु सेना के एमआई-17 वी 5 हैलीकाप्टर ने खाद्य सामग्री के साथ सुबह करीब नौ बजे भुंतर हवाई अडडे से कुंजम दर्रे के अत्यंत दुर्गम क्षेत्र की ओर उड़ान भरी। शीशे की तरह आंखों को चुंधिया देने वाली सफेद गगनचुंबी पहाडिय़ों के बीच से हैलीकाप्टर ले जाकर रेस्क्यू आपरेशन को अंजाम देना आसान नहीं दिख रहा था लेकिन वायु सेना के जांबाजों के लिए तो मानों यह बाएं हाथ का खेल हो।
खतरों से खेलना तो शायद उनकी जिंदगी है। छतड़ू में फंसे लोगों को खाने के पैकेट गिराने के बाद हैलीकाप्टर जैसे ही छोटा दड़ा की ओर बढ़ा तो वहां लगभग छह दिन से फंसे लोगों की मानों जान में जान आ गई हो। उनके लिए आकाश के प्रहरी वायु सेना के अधिकारी और जवान किन्हीं फरिश्तों से कम नहीं थे। चारों ओर बर्फ से ढकी छोटा दड़ा की बहुत ही संकरी घाटी में हैलीकाप्टर को हवा में रोककर वायु सेना के जांबाजों ने दस महिलाओं और तीन छोटे-छोटे बच्चों को लिफ्ट किया तो मानों उम्मीद खो चुके इन लाचार लोगों को नई जिंदगी मिल गई हो। छोटा दड़ा में फंसे दर्जनों लोगों में से पहले इन महिलाओं और बच्चों को निकाला गया। हैलीकाप्टर में दाखिल होते ही जहां वे अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रहे थे, वहीं भारतीय वायु सेना के जांबाजों का बार-बार आभार व्यक्त कर रहे थे।
कुछ क्षण पहले तक अपने आपको लाचार महसूस कर रही इन महिलाओं और बच्चों को अब वायु सेना के जांबाजों से नया जोश और हौंसला मिल चुका था। छोटा दड़ा से 10 महिलाओं व 3 बच्चों को निकालने के बाद इसी उड़ान से कुंजम दर्रा के नजदीक फंसे लोगों के लिए खाद्य सामग्री फेंकी गई। इसके पश्चात एमआई-17 वी 5 ने लाहौल घाटी के संतीगरी हैलीपैड से भी आठ अन्य लोगों को साथ लेकर कुल 21 लोगों कुल्लू पहुंचाया। मआई-17 वी 5 हैलीकाप्टर की इस महत्वपूर्ण उड़ान में स्क्वाड्रन लीडर विपुल गोयल की टीम में को-पायलट के रूप में मनोनीत धीमान, फ्लाइंग आफिसर अरुणव सिंह, सार्जेंट संतोष और सार्जेंट वीपी पांडे ने एक बार फिर भारतीय वायु सेना की उच्च परंपराओं के अनुसार अदम्य साहस और सर्वोच्च सेवाभाव का परिचय दिया। वायु सेना की यही टीम अब कुंजम दर्रे की अति दुर्गम तलहटटी में फंसे लोगों को निकालने के लिए भी उड़ान भरेगी।