श्यामानंद जी महाराज को सोंपी गुरुगद्दी और धौलीढांग आश्रम जिम्मेदारी

 

जिला सिरमौर के सुप्रसिद्ध मंदिर धौलीढांग में सोमवार को ब्रहम्लीन श्री श्री 1008 श्री पूर्णानंद जी महाराज (गुरासां धौलीढांग) जी की सोहलवी के अवसर पर प्रातः 4 बजे से हवन यज्ञ किया गया जिसमें गुरूजी के परम शिष्य सत्यानंद जी (हेमराज जी) ने पूर्णाहूति डाली। जिसके साथ पिछले 7 दिन से यहां चल रही श्रीमदभागवत कथा का भी समापन हुआ।

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उसके बाद यहां स्थित सूर्यनारायण मंदिर, बालासुंदरी मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर व हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना के बाद भगवान शिव का महारूद्राभिषेक किया गया। उसके बाद ब्रहम्लीन श्री श्री 1008 श्री पूर्णानंद जी महाराज (गुरासां धौलीढांग) जी की समाधि (प्रतिमा) का स्नान व जलाभिषेक के बाद पूजन अर्चना की गई। उसके बाद यहां रेणुका, हरिद्वार, ॠषिकेश, हरियाणा व उत्तराखण्ड से यहां पहुंचे सैंकड़ों संतो के आशीर्वाद से श्री सत्यानंद जी(हेमराज जी) द्वारा श्री श्यामानंद जी(श्यामदास जी) का विधिवत पटाभिषेक कर कपड़ा ओढ़ाया गया तथा उन्हें ही गुरूगद्दी की देखरेख सहित आश्रम का कार्यभार सौंपा गया।

इसके अतिरिक्त श्री सत्यानंद जी को ब्रह्मलीन श्री श्री 1008 श्री पूर्णानंद जी महाराज द्वारा आसपास के कई राज्यों में निर्मित आश्रमों के समस्त रखरखाव भंडारों के आयोजनों व धौली धाम आश्रम सहित अन्य जगहों पर मंदिरों के नवनिर्माण व आय व्यय के लिए कोतवाल की जिम्मेदारी दी गई है। महाराज श्री के सभी आश्रम श्री सत्तानंद जी के संचालन में चलेंगे। इसके अतिरिक्त महाराज श्री की गाड़ी केवल उनके आश्रमों व अन्य महत्तवपूर्ण स्थानों पर हो रहे धार्मिक कार्यों में जाने के लिए प्रयोग की जाऐगी।उसके बाद समस्त संतों व ब्राहमणों के भोज के बाद यहां हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब व उत्तराखंड सहित आस पास के क्षेत्रों से यहां पहुंचे हज़ारों लोगों ने भण्डारे का प्रसाद ग्रहण किया।

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