( जसवीर सिंह हंस ) क्षेत्र के पूर्व विधायक किरनेश जंग चौधरी ने मौजूदा भाजपा विधायक सुखराम चौधरी पर आज पलटवार करते हुए कहा कि सुखराम चौधरी क्षेत्र के लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सड़क व पुल की मंजूरी महज 15 दिन में नहीं मिल जाती। पूर्व विधायक मौजूदा विधायक के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें वर्तमान सुखराम चौधरी ने कहा था कि उन्होंने पावंटा डाकपत्थर सड़क को एमडीआर श्रेणी में डलवा दिया है और उत्तराखंड और हिमाचल को जोड़ने वाले भगानी पुल की मंजूरी को लेकर मुख्यमंत्री को राजी कर लिया है।
किरनेश जंग स्पष्ट किया कि ग्राम पंचायत भंगानी से उत्तराखण्ड के डाकपत्थर को जोडने वाली सड़क को अपग्रेड करवाने के लिए पिछले कई सालों से प्रयासरत थे। इस संबंध में कार्रवाई पिछले कई सालों से शुरू की गई थी। उसी का नतीजा है कि अब यह सड़क एमडीआर के तहत मंजूर हुई है और वर्तमान में अब विधायक केवल इस बात का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं। खोदरी माजरी से बहराल तक यमुना नदी के तटयेकरण का केस भी उनके प्रयासों से पास हो चूका है व गिरी नदी का तटयेकरण भी गिरी पुल से यमुना नदी तक मिलने के स्थान तक का केस भी पास हो चूका है |
किरनेश जंग ने बताया कि उत्तराखंड और हिमाचल को जोड़ने वाले पुल के लिए 50 करोड़ की डीपीआर तैयार करके विभागों को भेजी गई थी । लेकिन केंद्र सरकार की मंजूरी ना मिलने पर पुल का काम अटक गया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही वर्तमान विधायक के संरक्षण में माफिया राज हावी हो गया है। क्षेत्र में वनों में अंधाधुंध कटान हो रहा है और अवेध खनन हो रहा है |
उन्होंने कहा कि शहर में अपराधी बेलगाम हो गए हैं। क्षेत्र में सभी पुरूष और महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं और पावंटा के जनप्रतिनिधियों व राजनीतिज्ञों के हाथ से पुलिस और प्रशासन की लगाम छूट गई है। वही पदाधिकारी के नेता भी अधिकारियों को रॉब दिखाकर रॉब झाड़ रहे है व दलाल किस्म के लोग ठेके लेने व पैसे कमाने में लगे हुए है | वही एक छुटभैया नेता कहता फिर रहा है है कि अब हमारी भाजपा की सरकार है अब हमारी चलेगी |