कर्मचारियों-पेंशनरों को दिवाली पर 3 प्रतिशत महंगाई भत्ते की घोषणा,मुख्यमंत्री ने की देवी-देवताओं के नज़राने में पांच प्रतिशत की बढ़ौतरी

 

सप्ताह भर चलने वाला प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय लोकनृत्य उत्सव कुल्लू दशहरा-2018 आज भारी उत्साह व उल्लास के साथ संपन्न हो गया। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने उत्सव के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुल्लू दशहरा उत्सव में भाग लेने वाले देवी-देवताओं के नज़राने में 5 प्रतिशत और दूरी भत्ते में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की।

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उन्होंने देवी-देवताओं के बजंतरियों को दी जाने वाली राशि में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के अतिरिक्त हरिपुर व मणिकर्ण के दशहरा उत्सव के लिए 75,000 रुपये और वशिष्ठ में मनाए जाने वाले दशहरा उत्सव के लिए 50,000 रुपये का प्रावधान करने की भी घोषणा की।

इस अवसर पर प्रदेशवासियों को आगामी दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदेश के कर्मचारियों और पैंशनरों को दिवाली के उपहार के रूप में महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की जो पहली जनवरी 2018 से देय होगा। इससे प्रदेश सरकार पर 200 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल्लू में निर्माणाधीन अटल दशहरा सदन के लिए साढ़े चार करोड़ का अतिरिक्त बजट जारी किया जाएगा और उपायुक्त कार्यालय परिसर के आधुनिक भवन के लिए भी चार करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने अपने नौ माह के कार्यकाल में केंद्र सरकार से विभिन्न परियोजनाओं के लिए लगभग 9000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता लाने में कामयाबी हासिल की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल के पक्ष को मजबूती से रखा है और केंद्र सरकार ने भी प्रदेश के लिए कोई कमी नहीं रखी।

उन्होंने प्रदेश की संस्कृति के संवर्द्धन में दशहरा उत्सव के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक पृष्ठभूमि के साथ-साथ यह उत्सव पर्यटन, व्यावसायिक और मनोरंजन की दृष्टि से भी विख्यात है, जिसमें देश-विदेश के पर्यटक भाग लेते हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि कुल्लू के विभिन्न क्षेत्रों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बिजली महादेव को रज्जू मार्ग से जोड़ा जाएगा। उड़ान योजना के द्वितीय चरण में प्रदेश के पर्यटक स्थलों को हैली टैक्सी सेवा से जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की संस्कृति के साथ-साथ इसके पर्यावरण का संरक्षण करना भी अनिवार्य है। उन्होंने दिवाली के त्यौहार को सुरक्षित रूप से मनाने और पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने की अपील भी की और कहा कि ढालपुर के ऐतिहासिक मैदान का संरक्षण भी आवश्यक है, ताकि दशहरा जैसे अन्य ऐतिहासिक उत्सवों का पारंपरिक ढंग से आयोजन होता रहे। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों की सहमति और प्रशासनिक सुझावों के आधार पर उन ग्रामीण क्षेत्रों को राहत प्रदान की जाएगी जो अभी प्लानिंग एरिया में शामिल हैं।

पिछले माह लाहौल-स्पिति जिले में भारी बर्फबारी से सेब की फसल को हुए नुकसान की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार 20 रुपये प्रतिकिलो की दर से सेब खरीदकर बागवानों को राहत प्रदान करने के अलावा नए पौधारोपण पर भी सब्सिडी प्रदान करेगी।

समापन समारोह में दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष एवं वन, परिवहन, युवा सेवाएं व खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की जानकारी दी। सांसद रामस्वरूप शर्मा, विधायक सुंदर सिंह ठाकुर और पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। उत्सव समिति के उपाध्यक्ष एवं उपायुक्त यूनुस ने मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों का स्वागत किया और दशहरा उत्सव के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने उन देवी-देवताओं, जिनकी भूमि मुजारों में बंट गई है, को भाषा और संस्कृति विभाग की आवर्ती निधि योजना के तहत चैक वितरित किए तथा विभाग द्वारा आयोजित राज्य व जिला स्तरीय लोकनृत्य प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर बेहतर प्रदर्शनियां लगाने वाले किसान-बागवान भी पुरस्कृत किए गए।

इस अवसर पर विधायक किशोरी लाल सागर, सुरेंद्र शौरी, जवाहर ठाकुर, मिल्कफैड के अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा, एचपीएमसी के उपाध्यक्ष राम सिंह, पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारी, भाजपा के पदाधिकारी, विभिन्न विभागों के अधिकारियों सहित अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

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