पांवटा साहिब : टेक्नोमैक घोटाले में पूर्व ई टी ओ व कबाड़ी और मशहूर बेकरी मालिक भी रिमांड पर

(जसवीर सिंह हंस )  इंडियन टेक्नोमैक कंपनी के करोड़ों के घोटाले के आरोपियों में तत्कालीन ई टी ओ टेक चंद पुत्र वरयाम चंद निवासी रक्कड़ कॉलोनी ऊना को सी आई डी ने वीरवार को गिरफ्तार कर लिया है आरोपी को सी आई डी ने कोर्ट में पेश किया था जहा से आरोपी को 19 नवंबर तक के लिए  रिमांड पर भेजा गया है | आरोपी तत्कालीन ई टी ओ टेक चंद पर आरोप है कि उसने पांवटा साहिब सर्कल में रहते हुए उसने इंडियन टेक्नोमैक कंपनी से सामान व मशीने की चोरी में शामिल था  | व तत्कालीन ई टी ओ टेक चंद का नाम पहले भी इंडियन टेक्नोमैक कंपनी घोटाले कि एफ आई आर में था |

वही इस मामले में बेकरी मालिक  को एल्मुनियम स्क्रैप व एल्मुनियम कटिंग मशीन खरीदने के मामले में गिरफ्तार किया गया है |  वही इस मामले में तीसरे आरोपी एक कबाड़ी सुलेमान उम्र 45 साल पुत्र फुरकान अहमद निवासी मीरजापुर सहारनपुर को तांबा व लोहे का कबाड़ खरीदने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है | दोनों आरोपियों को आज पांवटा साहिब कोर्ट में पेश किया गया जहा से दोनों आरोपियों को 19 नवंबर तक के लिए रिमांड पर भेज दिया गया है | गोरतलब है कि इंडियन टेक्नोमैक कंपनी घोटाले में अब तक कुल नो गिरफ्तारिया हो चुकी है |

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इंडियन टेक्नोमैक कंपनी के करोड़ों के घोटाले के आरोपियों में तत्कालीन आबकारी निरीक्षक दीपक सत्ती,  ई टी ओ ज्योति स्वरूप और रमेश चौहान की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 26 नवंबर के लिए टल गई है। तीनों आरोपी फिलहाल अंतरिम अग्रिम जमानत पर हैं। न्यायाधीश विवेक ठाकुर के समक्ष याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है।

सीआईडी की न्यायालय में दायर स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन टेक्नोमैक कंपनी लिमिटेड जगतपुर पांवटा साहिब की ओर से सरकार का लगभग 2100 करोड़ टैक्स अदा न करने पर फैक्ट्री को आबकारी एवं कराधान विभाग ने सीज किया है। कंपनी ने जाली दस्तावेज तैयार कर और अधिक उत्पादन दर्शाकर विभिन्न बैंकों से लोन लेने के लिए षड्यंत्र रचा। इसके अतिरिक्त कंपनी प्रबंधन ने पांवटा साहिब स्थित आबकारी एवं कराधान विभाग और अन्य विभागों से मिलीभगत कर सामान और कबाड़ इत्यादि को चोरी छिपे बाहर निकाला ।

इसके चलते सीआईडी की ओर से प्रार्थियों को जमानत दिए जाने पर विरोध जताया है। जांच एजेंसी का कहना है कि प्रार्थियों ने नमूना के हस्ताक्षर लिए जाना है, जिनका मिलान कब्जे के लिए दस्तावेजों के हस्ताक्षर के साथ करवाया जानना है।  आरोप है कि इन अधिकारियों ने पांवटा के बेहराल बैरियर पर ड्यूटी के दौरान इंडियन टेक्नोमैक कंपनी जगतपुर के जाली बिलों का इंद्राज कंपनी प्रबंधन से पैसे लेकर किया है। इस वजह से कंपनी ने इतना बड़ा फ्रॉड किया है।

आरोपियों ने यह पैसा किन-किन अधिकारियों को दिया है, इस संबंध में पूछताछ की जानी है। सीआईडी की अभी तक की जांच में पाया है कि कंपनी के लिए कोई कच्चा माल बाहर से आता था तथा तैयार माल बाहर जाता था । वही सी आई डी कुछ और पुलिस व आबकारी एवं कराधान विभाग अधिकारियो को भी गिरफ्तार कर सकती है  मिली जानकारी के अनुसार कुछ आरोपियों से पूछताछ भी कि गयी है |

 

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