पांवटा साहिब : आर एल ए ऑफिस बना दलालों का अड्डा , शिकायत के बाद एस डी एम कर्मचारियों को बचाने में जुटे

( जसवीर सिंह हंस ) कहने को तो यहां सबकुछ कायदे और कानून के मुताबिक होता है मगर ये कायदे भी आम इंसान के लिए हैं और कानून भी। ड्राइविंग लाइसेंस बनाना, रजिस्ट्रेशन कराना हो या परमिट, टैक्स प्रक्रिया। इधर से उधर बस धक्के खाते रहो। मदद करना तो बहुत दूर, कोई अधिकारी या कर्मचारी सीधे मुंह बात तक नहीं करेगा। चाहे धक्के खाते हुए आपको एक दिन हो जाए या हफ्ताभर ।

हां, अगर आपने जेब से चंद नोट की ‘पत्तियां’ निकाल ली तो फिर कोई टेंशन नहीं। महज चंद मिनट में काम पूरा। टेंशन दूर करने के लिए मौजूद हैं दलाल। दलाल ही चपरासी का काम संभाल रहे और यही बाबू का भी काम। आर एल ए ऑफिस का हाल तो ऐसा ही है। लाइसेंस व टैक्स की प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बाद भी दफ्तर में ‘दलाल राज’ हावी है।

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सरकार के मुखिया जय राम ठाकुर भले ही लाख दावे करें कि, सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा, पर आर एल ए कार्यालय की तरफ शायद उनका ध्यान ही नहीं जाता। मुख्यमंत्री तो दूर खुद परिवहन मंत्री तक अपने विभाग में झांकने को राजी नहीं। अगर ऐसा होता तो शायद यहां चल रहे ‘खेल’ की कुछ परतें तो उधड़ती।दलालों का काम दफ्तर के बाहर पहले शुरू हो जाता है ।

हाथ में कागजों की फाइल लिए दलाल दफ्तर खुलते ही फाइलें टेबल पर पहुंचानी शुरू कर देते हैं। इनकी ‘हनक’ सिर्फ इसी बात से लगाई जा सकती है, अफसर कोई भी हो, ये बेधड़क उनके कक्ष में घुसकर फाइल टेबल पर रख देते हैं।

आम इंसान घंटों बाहर बैठकर अधिकारी से मिलने का इंतजार करता रहता है, लेकिन दलालों को ‘मे-आइ-कम-इन’ तक पूछने की जरूरत नहीं। अपने धंधे के साथ सरकारी कामों में भी दलालों का बोलबाला है। अफसरों के कमरों से सरकारी फाइलें दूसरे कक्षों में ले जाना हो या लिपिकीय कार्य में कर्मियों की मदद। दलाल हर जगह मौजूद दिखेंगे। जहां दलालों का ही बोलबाला हो तो आप खुद समझ लिजिए कि बगैर चढ़ावा चढ़ाए आपका काम कैसे होगा।

दलालों के पीछे पूरा सिंडिकेट है। इनकी मौजूदगी सिर्फ आरटीओ कार्यालय तक ही नहीं रहती बल्कि पूरे जिले सहित पुरे प्रदेश में में इनके एजेंट फैले रहते हैं। एजेंट हर सुबह जगह-जगह से फाइलें लाकर दलाल को देते हैं व शाम तक ‘चढ़ावे’ के ‘खेल’ से फाइलें पास हो जाती हैं। अगर हम ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने जायेंगे तो बिना दलालों के तो कोई काम होगा भी नहीं, अगर हम सब कुछ करा कर आखिरी सिग्नेचर कराने के लिए बड़े अधिकारी के पास जाये तो कुछ उटपटांग सवाल पूछ कर हमें वापस भेज दिया जाता है और हार कर हमें दलालों के पास जाना ही होता है।जब दलालों से पूछा जाता है कि इन पैसों में उनको कितना बचता है तो उनका जबाब होता है उनका कहना होता है कि उनके पास सिर्फ खर्चा पानी लायक पैसे ही बचते हैं |

वही जब इसकी शिकायत एस डी एम लायक राम वर्मा को की गयी तो उन्होंने दलालों के सहायक बने कर्मचारियों को शिकायतकर्ता का नाम बता दिया व दलाल शिकायतकर्ता को रोजी रोटी की दुहाई देने लग गये जबकि फ़ोन पर एस डी एम लायक राम वर्मा ने दलालों को आर एल ए ऑफिस में रंगे हाथ पकड़ने की बात की थी | वही एस डी एम् साहब ने तो धमकी भरे लहजे मे कह दिया की आप छोड़ो कल को यह कर्मचारी आपसे बदला लेंगे व आपको तंग करेंगे | गोरतलब है की आर एल ए ऑफिस व एस डी एम् ऑफिस में कुछ समय पहले सी सी टी वी कैमरा लगाये गये थे जो अब गायब हो गये है शायद कुछ छुपाने के लिए गायब कर दिए गये है | वही अपने ऑफिस पर लाखो रुपए लगाने वाले एस डी एम् साहब भर्ष्टाचार रोकने के लिए सी सी टी वी कैमरा का इंतजाम दोबारा कर दे | चर्चित रीना मर्डर के बाद भी सी सी टी वी कैमरा लगाने की बात हुई थी पर अधिकारियो को अपने कर्मचारियों का भी ख्याल रखना होता है |इस विषय पर परिवहन मंत्री गोबिंद ठाकुर का कहना है की वो इस मामले की जाँच करवाएंगे

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