पावटा साहिब : शहर में वीरप्पन के नाम से जाने जाने वाले दो दशकों से बेच रहे हैं मशहूर भेलपुरी

( जसवीर सिंह हंस ) पावटा साहिब डिग्री कॉलेज में सुबह ही साइकिल पर सवार होकर भेलपुरी लेकर पहुंच जाते हैं | वीरप्पन के नाम से मशहूर जिसके बाद कॉलेज की समाप्ति तक करीब 3:00 बजे तक कॉलेज के लड़के लड़कियों सहित प्रोफेसरों को मशहूर भेल पुरी का स्वाद चखाने के बाद वीरप्पन मेन बाजार गुरुद्वारा चौक बद्रीपुर चौक आदि पर लोगों ने दुकानदारों को मशहूर भेलपुरी का स्वाद चखाते हैं |

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कॉलेज या बाजारमें लोग लाइन में लगकर भेलपुरी लेते हैं छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक वीरप्पन के मशहूर भेलपुरी के दीवाने है कॉलेज के लड़के लड़कियां इनके भेलपुरी के इतने कदरदान है कि जिस दिन यह ना आ सके तो उन्हें अपना कॉलेज आना ही बेकार लगता है | जिन लोगों को पौंटा साहिब के कॉलेज करें कॉलेज से पास आउट हो चुके दसों साल हो चुके हैं वे लोग आज भी वीरप्पन की भेलपुरी को याद करते हैं यदि कहीं रास्ते में साइकिल पर जाता हुआ दिख जाए तो रुक कर उसे भेलपुरी लेना नहीं भूलते यहां तक कि अपने परिवार के लिए लोग भेलपुरी पैक करा कर भी ले जाते हैं |

गौरतलब है कि कॉलेज के छात्रों ने मूल रुप से उत्तर प्रदेश निवासी हरि को इनकी मूछों को देख कर ही इनको वीरप्पन नाम दिया था उस समय चंदन तस्कर वीरप्पन सुर्खियों में था चंदन तस्कर वीरप्पन जैसी मूछों के कारण इनको वीरप्पन नाम दे दिया गया था भेलपुरी की ठेली लगाने वाले ने बताया कि भेलपुरी के लिए नमकीन कुलहाल की फैक्ट्री से लाते हैं तथा इसमें प्याज टमाटर धनिया हरी मिर्च डालकर तथा स्पेशल मसाला डालकर हनीमून नींबू निचोड़ कर भेलपुरी लोगों को परोसते हैं मूल रूप से बिहार के रहने वाले वार्ड नंबर 10 में किराए के मकान पर रहते हैं उन्होंने बताया कि भेलपुरी की ठेली लगा कर उनको करीब ₹500 की आमदनी हो जाती है |

भेल की पहचान अक्सर मुंबई के समुद्र तटों के साथ की जाती हैं जैसे गिरगांव या जुहू के समुद्र तट। भेलपुरी का जनम मुंबई की स्ट्रीट फूड स्टालों में हुआ एवं यह चटपटा नाश्ता भारत के ज्यादातर हिस्सों में फ़ैल गया एवं स्थानीय स्वाद को ध्यान में रखते हुए इसमें थोड़े बहुत परिवर्तन किये गए। इसकी यही विशेषता ने इससे संपूर्ण भारत में लोकप्रिय बना दिया। यह भी कहा जाता हैं कि भेलपुरी का जन्म पश्चिमी महाराष्ट्र से एक मसालेदार नमकीन भडंग से हुआ है। सूखी भेल, भडंग से बनाया गया है, भेलपुरी के कोलकाता संस्करण को झाल मूरी के नाम से जाना जाता हैं।

भेलपुरी के मैसूर संस्करण को चुरुमुरी या बैंगलोर में चुर्मुरी के नाम से जाना जाता है। भेलपुरी का एक सुखा प्रकार बहुप्रचलित भडंग के रूप में जाना जाता है जिससे प्याज, धनिया और नींबू के रस के साथ सजाया जाता है।भेलपुरी को मुड़, सेव (बेसन के आटे से बना हुआ पतली नूडल्स की तरह आकार का एक नाश्ता) प्याज, चाट मसाला इत्यादि से बनाया जाता है। भेलपुरी में एक ठेठ गुजरती व्यंजन की तरह मीठा, नमकीन, तीखा और मसालेदार जायके का मिश्रण होता हैं। अन्य आमतौर पर इस्तेमाल सामग्री टमाटर, और मिर्च शम्मिल हैं जो इसके आधार के तौर पर तैयार की जाती हैं।

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