( जसवीर सिंह हंस ) नाहन स्थित जिला जिला अदालत ने हत्या के एक दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है साथी हत्यारोपी को ₹10000 जुर्माना भी भरने की सजा सुनाई गई है नाहन स्थित जिला सत्र न्यायालय के न्यायधीश डीके शर्मा ने आरोपी रोहित अत्री को दोषी पाते हुए आईपीसी की धारा 302 के तहत की सजा सुनाई है आरोपी द्वारा जुर्माना ना भरने पर उसको 6 माह का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा वहीं सबूत नष्ट करने के आरोप में आरोपी को 2 साल की सजा व ₹5000 जुर्माना भी किया गया है जुर्माना भरने की सूरत में आरोपी को 3 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा दोनों सजा दोनों धाराओं में सजा एक साथ चलेगी
जानकारी के अनुसार मतलूब पुत्र अशोक निवासी चिलकाना जिला सहारनपुर उत्तर प्रदेश सेब आडू आदि के बगीचे सोलन और राजगढ़ में 15 साल से ले रहा था 22 जुलाई 2015 को मतलूब सोलन निवासी अमर सिंह पुत्र नारायण सिंह से मिलकर राजगढ़ के लिए चला था मतलूब की उस दिन लास्ट बात महिला किरण से 22 जुलाई 2015 को रात करीब 8:00 बजे हुई थी वह किरण इस मामले में लास्ट काल के आधार पर वह सस्पेक्ट थाथी परंतु किरण की लोकेशन उस समय गांव डेल्ही आ रही थी जहां की किरण निवासी थी
वहीं 31 जुलाई 2015 को पुलिस स्टेशन राजगढ़ में मतलूब की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी गुमशुदगी के मामले में मतलूब की तलाश पुलिस पार्टी के साथ स्थानीय निवासियों ने दर बाला में तलाश की आरोपी के घर से 1 किलोमीटर दूर एक एक घासनी में एक कंबल बरामद हुआ किरण ने उस कंबल को अपना बताया और उससे लगभग 50 मीटर आगे कुछ झाड़ियों कटी हुई थी व वहा से काफी बदबू आ रही थी तथा झाड़ियो को हटाने के बाद जब खड्डा खोदा गया तो वहां से मतलूब का नग्न अवस्था में शव बरामद हुआ आरोपियों के कपड़े भी डेड बॉडी सब के ऊपर से बरामद हुए शव की पहचान मृतक महबूब के भाई ने उसके कपड़ों से की |
इस मामले में शव का पोस्टमार्टम फॉरेंसिक एक्सपर्ट के द्वारा आईजीएमसी शिमला में किया गया था इस मामले में किरण उसके पति करण सिंह व पुत्र रोहित ने अपना अपराध कबूल लिया था कपड़ों के ऊपर से खून के धब्बे बरामद हुए थे वह यह कि रन से मैच कर गए थे इस मामले में हत्या में प्रयुक्त की गई लोहे की रात भी रोहित व्याकरण की निशानदेही पर बरामद कर ली गई थी जांच के बाद पुलिस ने पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश कर दिया था तथा इस मामले में कुल 15 गवाह पेश हुए थे दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद पर्याप्त सबूत ना होने के कारण आरोपी किरण व करण सिंह को कोर्ट से बरी कर दिया गया | इस मामले में सरकार की तरफ से जिला न्याय वादी एम के शर्मा ने पैरवी की थी