नाहन/पांवटा। विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू होते ही पार्टी स्तर की कलह सामने आने लगीं हैं। पांवटा में कांग्रेस बनाम बाहरी का चल रहा अंतद्वंद आज उस वक्त खुलकर सामने आ गया जब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव अनिंदर सिंह नौटी पावंटा साहिब के विधायक किरनेश जंग के खिलाफ खुलकर सामने आ गए। नौटी ने पत्रकारों से बातचीत में साफ-साफ कह डाला कि किरनेश पार्टी के प्राथमिक सदस्य तक नहीं है। उनका कहना था कि अगर किरनेश कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते है तो समय रहते सदस्यता ग्रहण कर लेनी चाहिए। किरनेश कांग्रेस के एसोसिएट विधायक हैं।
उन्होंने कहा कि बाहरी प्रत्याशी को टिकट का सवाल ही नहीं है। हालांकि उन्होंने यहां बचते हुए युवा कांग्रेस के राष्टीय सचिव मनीष ठाकुर का नाम नहीं लिया। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के जन्म दिन पर ठाकुर द्वारा बांटे गए लाखो रुपयों के कम्बल पर पूछे गए सवाल पर नौटी ने कहा कि बेहतर होता अगर इन कंबलों को ठाकुर अपने अग्निकांड प्रभावितो को प्रदान करते।
पार्टी टिकट के लिए दावेदारी जता रहे मनीष ठाकुर की ओर ईशारा करते हुए नोटी ने कहा कि पांवटा साहिब में स्थानीय कार्यकर्ता को ही टिकट मिलेगा। पार्टी हाइकमान जो फैसला करेगी, वह ही सभी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को मान्य होगा। मगर बाहर से आने वाले टिकट के दावेदारों के लिए कोई जगह नहीं होगी।
नौटी ने कहा कि पावंटा साहिब में कांग्रेस का प्रयास रहेगा कि एकजुटता से मैदान में उतरे क्योंकि बीजेपी तीन गुटो में बंट चुकी है। उनका कहना था कि सरकार व संग़ठन में बेहतर तालमेल है, इसके चलते कांग्रेस पुनः सत्ता हासिल करेगी। कांग्रेस नेता नौटी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चरित्र हनन पर दिए गए हरियाणा के स्वास्थय मंत्री अनिल विज के बयान को पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी। जल्द ही प्रदेश में इस मुद्दे पर आंदोलन शुरू किया जाएगा।
नौटी ने आरोप लगाया है की सोची समझी साजिश के तहत बीजेपी द्वारा महात्मा गांधी के नाम को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा की 1949 में गांधी जी की शारीरिक तौर पर हत्या हुई थी मगर अब बीजेपी द्वारा गांधी जी की आत्मा और सिद्धान्तों की हत्या की जा रही है। उन्होंने कहा की समय समय पर ऐसे मामले सामने आते है जब बीजेपी नेताओं द्वारा उन नेताओं के बेकद्री की जाती है जिनका देश के आंदोलन में बड़ा योगदान रहा है क्योंकि अधिकतर नेता कांग्रेस से जुड़े थे और बीजेपी का आंदोलन में कोई योगदान नही रहा है।