सिरमौर के पहाड़ी इलाको में बर्फ़बारी , मैदानी इलाको में बारिश , समूचे जिले में शीतलहर

(जसवीर सिंह हंस ) जिला सिरमौर  में  देर रात से ही  चूड़धार चोटी समेत हरिपुरधार में हिमपात हो रहा है  । मां भंगयाणी माता मंदिर परिसर ने भी सफेद चादर ओढ़ ली है और  हरिपुरधार समेत चूड़धार चोटी व शिलाई में बर्फ पडऩे का सिलसिला जारी है। पहाड़ों पर बर्फ गिरने से मैदानी इलाको  में भी  ठंड बढ़ गई है। जिले के उंचाई वाले इलाकों में भी रूक-रूक कर बर्फबारी हो रही है।

मैदानी क्षेत्रों में कल शाम से ही बादल छाए हुए थे व बारिश ने ठण्ड में बढ़ोतरी कर दी है  |  जिला सिरमौर में हुई रूक-रूक बारिश किसानों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। बारिश होने से जिला सिरमौर वासियों का शुष्क मौसम से भी निजात मिली है। सोमवार दोपहर बाद से जिला के अधिकतर क्षेत्रों के ताममान में भारी गिरावट दर्ज की गई है।

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बारिश के चलते आज सूबह पांवटा साहिब ,नाहन, सराहां, संगडाह, हरिपुरधार, नौहराधार, नारग व नैनाटिक्कर बाजारों से रौनक गायब  रही। ठंड से बचने के लिए लोग घरों में ही दुबके रहे। वही सिरमौर जिले के ऊंचाई वाले इलाको  में  बर्फबारी का सिलसिला जारी है। जिला भर के रुक रुक कर बारिश हो रही है। कई ऊंचाई वाले क्षेत्रो में ओलावृष्टि हुई है। ओलावृष्टि व बारिश के कारण तापमान में आई भारी गिरावट के चलते समूचा जिला शीतलहर की चपेट में आ गया है। बारिश से क्षेत्र के किसानों व बागवानो ने राहत की सांसे प्रदान की है।

गोरतलब है कि  हरिपुरधार, नौहराधार समेत अन्य क्षेत्रों में बर्फबारी का इंतजार हो रहा था, क्योंकि कई नकदी फसलें इस पर निर्भर करती हैं।पीली पड़ चुकी लहसुन की फसल के लिए यह बारिश जहां संजीवनी सावित होगी। यहां पर अधिकतर क्षेत्रों में सिंचाई के साधन न होने से किसानों को बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है।जिले में इन दिनों गेहूं, मटर, जौं, प्याज व लहसुन की फसल की बिजाई की है। जिले के ऊपरी क्षेत्रों में गेहूं की पैदावार कम मात्रा में की जाती है। मगर निचले क्षेत्रों में कई किसान गेहूं व धान की फसल पर ही निर्भर रहते हैं। निचले क्षेत्रों में गेहूं की बडे पैमाने पर पैदावार की जाती है। नाहन व पांवटा विधानसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक गेहूं की पैदावार होती है बारिश के बाद किसानो के चेहरे पर रोनक देखी  जा रही है |

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