मुख्यमंत्री ने उद्यमियों को हिमाचल प्रदेश में निवेश के लिए किया आमंत्रित

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राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश में निवेश के लिए इच्छुक उद्यमियों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी और अपनी निवेश प्रतिबद्धताओं को वास्तविकता में बदलने के लिए, उन्हें आगे आना चाहिए और राज्य द्वारा प्रस्तावित विभिन्न निवेश अवसरों का लाभ उठाना चाहिए। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात आज बेंगलुरु में आयोजित ‘रोड शो-बिजनेस टू गवर्नमेंट’ के दौरान उद्यमियों और उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कही। राज्य सरकार द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन राज्य में निवेश की अपार संभावनाओं को प्रदर्शित करने के लिए कन्फैडरेशन ऑफ इण्डस्ट्रीज (सीआईआई) के साथ मिलकर किया गया था ताकि इस वर्ष 10 और 11 जून को  धर्मशाला में आयोजित होने वाले ‘हिमाचल प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट -2019’ में भाग लेने के लिए उद्यमियों को आमंत्रित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने उद्यमियों को राज्य की अपार निवेश क्षमता का प्रदर्शन करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश भारत में विकास के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में उभर रहा है, जो पिछले वर्षों में मजबूत सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) विकास दर प्रदर्शित कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य न केवल देवभूमि है, बल्कि देश के औद्योगिक हब के रूप में उभरने की ओर भी अग्रसर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने औद्योगिक नीति तैयार की है, जिसका उद्देश्य अत्याधुनिक अधोसंरचना विकसित करना, विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना, समावेशिता को बढ़ावा देना, नवाचार को बढ़ावा देना और विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में पर्यटन, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा और कौशल विकास, शहरी विकास/रियल एस्टेट डवल्पमेंट, हेल्थकेयर और आयुष, विनिर्माण, फार्मास्यूटिकल्स, बुनियादी ढांचा, विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा,  कृषि और खाद्य प्रसंस्करण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं है तथा इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की भी व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि शांत वातावरण तथा विविध प्राकृतिक स्थितियां राज्य को पर्यटन क्षेत्र में निवेश के लिए सर्वश्रेष्ठ गंतव्य बनाते हैं।
मुख्यमंत्री ने उद्यमियों को राज्य में निवेश के लिए आगे आने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि राज्य सरकार उद्यमियों को कई प्रोत्साहन और रियायतें भी प्रदान कर रही है, जिसमें उद्योग द्वारा देय स्टाम्प ड्यूटी में रियायत, एफएआर मानदंडों में छूट, भूमि उपयोग शुल्क में कटौती आदि शामिल है। प्रदेश के सबसे बड़े लाभों में से एक देश में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी दरों पर विद्युत की उपलब्धता है तथा यह स्थिति आने वाले वर्षों के लिए जारी रहेगी, क्योंकि प्रदेश में अपार ऊर्जा क्षमता, कम उत्पादन लागत और गुणवत्ता संचरण वितरण नेटवर्क की सुविधाएं एक साथ उपलब्ध हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सिंगल विंडो मैकेनिज्म वीदइन द हिमाचल प्रदेश सिंगल विंडो (इन्वेस्टमेंट, प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट राज्य के भीतर नागरिकों को बुनियादी सेवाएं प्रदान करने में दक्षता, पारदर्शिता, समयबद्धता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतिभा और शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र उपलब्ध हैं तथा राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न संस्थान जैसे आईआईटी मंडी और आईआईआईटी ऊना आदि संस्थान हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य का लक्ष्य अगले 4 वर्षों में 1 लाख से अधिक युवाओं को कौशल प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उपलब्ध अपार क्षमता के दोहन के लिए पर्यटन, आतिथ्य, रिसॉर्ट, फार्मास्युटिकल, लधु व मध्यम उद्योग, इंजीनियरिंग उपकरण, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और वैलनेस सेंटर, हर्बल और आयुर्वेद आधारित परियोजनाओं, बागवानी, ऊर्जा क्षेत्र, खाद्य प्रसंस्करण, रियल एस्टेट, शिक्षा आदि विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार 10-11 जून, 2019 को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शहर धर्मशाला में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन कर रही है। उन्होंने उद्यमियों को 10 व 11 जून,द 2019 को धर्मशाला में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया तथा इसके लिए पंजीकरण ूूण्पदअमेजपदीपउंबींसण्बवउ में किया जा सकता है।
जय राम ठाकुन ने उद्योगों के प्रमुखों के साथ अलग-अलग बातचीत की जिनमें कि टोयोटा किर्लोस्कर ऑटो पार्ट्स के प्रबंध निदेशक के.जी. मोहन कुमार, मैक्स हाइपरमार्केट प्राइवेट लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक राजीव कृष्णन, मुख्य वित्तीय अधिकारी राघवेंद्र स्वामीनाथन, ऑटोमोटिव एक्सल्स लिमिटेड के अध्यक्ष और सीआईआई कर्नाटक के अध्यक्ष डॉ. एन. मुथुकुमार, डेल इंटरनेशनल के समूह निदेशक सरकारी मामले और सार्वजनिक नीति तबरेज अहमद, इण्डो निसान के महा प्रबंधक योगेश वोरा, प्रमुख कार्यकारी अधिकारी दाराशॉ बर्मन मेहता, प्रधान सचिव वाणिज्य और उद्योग, आईटी व बीटी गौरव गुप्ता, वॉलवो इण्डिया प्राईवेट लिमिटेड के अध्यक्ष व प्रबन्ध निदेशक, नम्मा निम्मा साईकिल फाऊंडेशन के सीईओ मुरली, इण्डियन डिजाईन के सीईओ रवि कुमार, एमेजॉन इण्डिया के निदेशक विक्रेता गोपाल पिलेई, रॉयल ऑर्किडज होटल के प्रबन्ध निदेशक चन्द्र बालजी, इण्डिया इलेक्टॉनिक्स और सेमी कंडकटर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश राम मिश्रा, मैट्रो कैस एण्ड कैरी के कॉरर्पोरेट मामलों के अध्यक्ष भानू आरोड़ा आदि शामिल थे। इन सभी औद्योगिक घरानों ने प्रदेश में निवेश करने की इच्छा व्यक्त की।
उद्यमियों को संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में निवेशक मित्र और उत्तरदायी प्रशासन होने की प्रतिष्ठा तथा राज्य निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और सरल बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस प्रयास में निजी क्षेत्र के लिए एक प्रमुख भूमिका चाहती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह, लागत प्रभावी और समयबद्ध बनाना है।
बिक्रम सिंह ने कहा कि एकल खिड़की प्रणाली, जो वर्तमान में 10 सम्बद्ध विभागों और 37 ऑनलाइन प्रणाली को कवर करती है। यह निवेशकों को सेवाएं प्रदान करने में दक्षता, पारदर्शिता, समयबद्धता और जवाबदेही प्रदान करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता और दायित्व को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय में हिम प्रगति पोर्टल स्थापित किया गया है, जिसको मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं नियमित अनुश्रवण है, ताकि विभिन्न परियोजनाओं को शीघ्र मंजूरी प्राप्त हो सके।
अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि राज्य में निवेशकों के लिए कई लाभ प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य में निवेश करने के लिए उद्यमियों के सुझाव और सहयोग के लिए तत्पर है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग मनोज कुमार ने हिमाचल प्रदेश में निवेश के व्यापक अवसरों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य सरकार उद्यमियों को राज्य में निवेश करने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। उन्होंने राज्य में उपलब्ध अपार औद्योगिक निवेश क्षमता पर एक प्रस्तुति भी दी। उन्होंने कहा कि उद्यमी राज्य में विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं हैं।
प्रधान सचिव सूचना प्रौद्योगिकी, आबकारी और कराधान जगदीश चंदर शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में क्रियान्वित होने वाली परियोजनाओं की प्रभावी निगरानी के लिए एक मुख्यमंत्री डैशबोर्ड स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में अधिकांश सार्वजनिक सेवाएं ऑनलाइन हैं और राज्य में देश का सबसे अधिक टेली घनत्व है। उन्होंने कहा कि राज्य के पास सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं क्योंकि राज्य में प्रदूषण मुक्त वातावरण और बेहतर जलवायु परिस्थितियां हैं।
टीवीएस मोटर कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के.एन. राधाकृष्णन ने कहा कि टीवीएस ने बारह साल पहले कंपनी को राज्य में शुरू किया था और वह उत्तरदायी प्रशासन और राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे कई प्रोत्साहन से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेशक अनुकूल इको-सिस्टम, सौहार्दपूर्ण कार्य वातावरण और निर्बाध बिजली आपूर्ति है।सीआईआई कर्नाटक के अध्यक्ष डॉ. एन. मुथुकुमार ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री और अन्य उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।इस अवसर पर उपस्थित उद्यमियों के साथ एक परिचर्चा सत्र भी आयोजित किया गया।
प्रधान सचिव ऊर्जा प्रबोध सक्सेना, विशेष सचिव उद्योग आबिद हुसैन, निदेशक उद्योग हंस राज शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विनय सिंह, उद्यमी, औद्योगिक टाईकूनस तथा औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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