क्रेशर रिश्वतखोरी मामले में एच ए एस अधिकारी व दलालो को 14 दिन की न्यायिक हिरासत

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( जसवीर सिंह हंस ) क्रेशर रिश्वतखोरी मामले में आरोपी एच ए एस अधिकारी व दलालों को आज हमीरपुर की स्पेशल कोर्ट (सेशन कोर्ट ) में पेश किया गया जहा से आरोपियों को 14 दिन की  न्यायिक हिरासत  में भेज दिया गया है गोरतलब है की आज एक दिन का  रिमांड खत्म होने के बाद आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया गया था  | पुष्टि करते हुए स्टेट विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो के डी एस पी बी डी भाटिया ने बताया की मामले में जाँच जारी है तथा क्रेशर रिश्वतखोरी मामले में एच ए एस अधिकारी व दलालो  को 14 दिन की  न्यायिक हिरासत में  दोसड़का स्थित जेल में भेज दिया है |

गोरतलब है कि विजिलेंस टीम ने  बुधवार को रिश्वतखोरी के आरोप में एक एचएएस अधिकारी को हिरासत में लिया है, जबकि दो दलालों को गिरफ्तार किया। ये गिरफ्तारियां चंडीगढ़ और पांवटा साहिब में हुईं हैं। आरोप है कि पावंटा साहिब में एक स्टोन केशर लगाने की एनओसी देने के एवज में क्रशर मालिक से एक लाख रुपए रिश्वत की मांग की जा रही थी।

रिश्वत के आरोप में फंसे एचएएस अधिकारी की पहचान एचएस राणा के रूप में हुई है। एचएस राणा पहले पांवटा साहिब में बतौर एसडीएम तैनात थे, जबकि मौजूदा समय में वह हमीरपुर स्थित तकनीकी विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार तथा मेडिकल कालेज हमीरपुर में एडीशनल डायरेक्टर एडमिन के पद पर कार्यरत हैं।

वहीं पकड़े गए दो अन्य दलालों की पहचान सुलभ अग्रवाल पुत्र प्रेम अग्रवाल निवासी राजबन जो की एक स्थानीय फानेंसेर  जो की जो की लोगो लोगो को मोटी ब्याज पर पैसे देकर पैसे इकठे करने का धंधा चमका रहा है का रिश्तेदार बताया जा रहा है | और रितेश बंसल के रूप में हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक मामला 2017 में उस वक्त शुरू हुआ था, जब एचएस राणा पांवटा साहिब में बतौर एसडीएम तैनात थे। बताते हैं कि वहां एक स्टोन क्रशर लगवाने की फाइल को काफी समय से लटकाया जा रहा था।

स्टोन क्रशर की निरीक्षण रिपोर्ट की एनओसी के लिए जो कमेटी गठित की गई थी, उसमें बाकी तमाम अधिकारियों ने हस्ताक्षर कर दिए थे, लेकिन एसडीएम ने मामले को लटका रखा था। उस पर तत्कालीन एसडीएम के हस्ताक्षर होने थे। इस मामले में स्टोन क्रशर प्रबंधक को सोनल अग्रवाल नामक व्यक्ति से संपर्क करने को कहा गया था।

सुलभ  अग्रवाल ने स्टोन क्रशर मालिक को कहा कि वह फाइल को साइन करवा देगा, लेकिन बदले में एक लाख रुपए देने होंगे। स्टोर क्रशर मालिक ने इस शर्त को मान लिया, वहीं उसने सारे मामले की जानकारी विजिलेंस को भी दे दी थी। सोनल अग्रवाल ने स्टोन क्रेशर मालिक को कहा कि वह फाइल साइन करवाकर उसे सौंप देगा, इसलिए वह बद्रीपुर में रितेश बंसल को एक लाख रुपए तयशुदा स्थान पर पकड़ा दे।

बुधवार को जैसे ही स्टोन क्रशर मालिक ने बद्रीपुर में दूसरे दलाल रितेश बंसल को पैसे पकड़ाए तो विजिलेंस ने मौके पर उसे गिरफ्तार कर लिया। उधर, चंडीगढ़ में बैठे एचएएस अधिकारी को भी गठित एक अन्य विजिलेंस टीम ने साइन की हुई फाइल के साथ दबोच लिया। बताया जा रहा है कि स्टेट विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने रिश्वतखोरी के इस मामले को ट्रैप करने के लिए चार टीमों का गठन किया था। व स्टेट विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो की एक टीम डी एस पी बी डी भाटिया के नेत्रत्व में पांवटा साहिब में इस ट्रैप को कामयाब करने में जुटी हुई थी |

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