पांवटा साहिब वन परिक्षेत्र के बहराल बीट के तहत वन माफिया ने 1 बीट ऑफीसर रधुबीर सरन पुत्र श्री अमर नाथ वन खण्ड अधीकारी बहराल और फॉरेस्ट गार्ड अमरीक सिंह को गाड़ी के नीचे कुचलने का प्रयास किया। बीट ऑफीसर और फॉरेस्ट गार्ड माफिया की गाड़ी का पीछा करते हुए एक मोड़ पर रुके थे। इस दौरान नामजद वन माफिया के गुर्गे ने दोनों पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया। घटना में बुरी तरह से घायल फारेस्ट गार्ड को इलाज के लिए यमुनानगर भेज गया है। बीट ऑफीसर की शिकायत पर पुलिस और वन विभाग मे अलग-अलग मामले दर्ज कर माफिया के गुर्गे को दबोचने के लिए कार्यवाही शुरू कर दी है।
अरबों रुपए की वन संपदा से पटे पांवटा साहिब वन परिक्षेत्र पर माफिया की बुरी नजर है। यहां आए दिनों लकड़ी तस्करी की बड़ी वारदातें सामने आती रहती हैं। लेकिन पिछले कुछ महीनों से विभाग ने माफिया पर नकेल कसते हुए तस्करी की कई कोशिशों को नाकाम किया है। लगभग 20 लाख से अधिक कीमत की चार बड़ी खेप पिछले 2 महीनों में ही पकड़ी गई है। माफिया और माफिया के कई गुर्गे अब भी सलाखों के पीछे हैं। ऐसे में यहां साल और खैर के बेशकीमती पेड़ों का सप्लायर माफिया बोखला गया है और सख्ती बरतने वाले महक में के अधिकारी माफिया के निशाने पर आ गए हैं।
बीती रात्रि वन परिक्षेत्र की बहराल बीट में खैर तस्करी माफिया के गुर्गे ने विभाग के बीट ऑफीसर सहित फॉरेस्ट गार्ड को अपनी बोलेरो गाड़ी के नीचे कुचलने का प्रयास किया। दरअसल बीट ऑफीसर और फॉरेस्ट गार्ड माफिया की लोकेशन का पता लगाने के लिए उसकी गाड़ी का पीछा कर रहे थे। इस दौरान वह एक मोड़ पर रुके तो उक्त आरोपी ने अपनी गाड़ी मोड़ी और अधिकारी को कुचलने का प्रयास किया। इस घटना में फॉरेस्ट गार्ड बुरी तरह से घायल हो गया है। उसे इलाज के लिए हरियाणा के यमुनानगर भेजा गया है।
कोई बड़ी घटना होने से बच गई और आरोपी को भी पहचान लिया गया है। घटनास्थल पर हुई हरकत और आरोपी के पिछले रिकॉर्ड के आधार पर वन विभाग ने भी जांच शुरू कर दी है। डीएफओ पावटा कुणाल अन्द्रीश ने बताया कि यह हरकत खैर तस्करी से जुड़े लोगों की है। विभाग के अधिकारी खैर तस्करों की लोकेशन तलाशने के लिए प्रयास कर रहे थे। इसकी भनक तस्करों को लग गई थी। जिसके चलते इस घटना को अंजाम दिया गया है।