इनकम बढ़ाने को घरो और दुकानो की छतो पर मोबाइल कंपनियों के टावर लगवाए जा रहे हैं। बिना एनओसी लगाये जा रहे इन अवैध टावरो को हटाने को नगर पालिका प्रशासन ने कारवाही शुरू करदी है । गृहस्वामियों और पूंजीपतियों ने अपनी आय बढ़ाने को घरो और प्रतिष्ठानो पर मोबाइल कंपनियों के टावर लगवाने शरू कर दिए हैं। परंतु टावर लगवाने से पहले नगर पालिका से एनओसी न लिए जाने कारण अधिकांश टावर अवैध हैं।
इससे नगर पालिका को राजस्व का खासी क्षति हो रही है। भवनो की छतो पर लगे टावरो से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ये टावर कभी भी आंधी तूफान में धराशायी हो सकते हैं। इससे इसके आसपास घरो में रह रहे नागरिक भी सुरक्षित नहीं हैं। बड़े हादसों को दावत देते इन टावरो से भवन स्वामी आय कमाने के चक्कर में दूसरे नागरिको को मुसीबत में डालने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं।
अवैध टावर निर्माण को रूकवाने की मांग को लेकर आज को वार्ड नम्बर 9 के लोग नगर पालिका कार्यालय पहुंचे। उन्होंने बताया कि यहां पर रिहायशी मकान पर मोबाइल कंपनी का टावर अवैध रूप से लगवाने का कार्य हो रहा है जिससे लोगो में भारी रोष व्याप्त है।
लोगो का कहना है कि हाई फ्रिक्वेंसी टावर से घातक किरणें निकलती हैं, जिससे लोगों में कैंसर, मानसिक तनाव, सिरदर्द जैसी घातक बीमारी होती है। लोगो ने बताया कि उनके परिवार में पहले से ही काफी लोग रोग ग्रस्त हैं।रेडिएशन का प्रभाव 20 फुट की ऊंचाई तक रहता है उनका घर टावर से मात्र 10 फीट की दूरी पर है।
जिस कारण सभी बड़े और बच्चे सभी मानसिक तनाव में हैं। ग्रामवासियों ने कहा कि यह टावर दूरसंचार विभाग के टावर स्थापित करने के नियमों के विरूद्ध है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि ग्रामवासियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए टावर निर्माण पर तत्काल रोक लगवाई जाए, इस आश्य का ज्ञापन भी अधिकारी को सौंपा |
वही इस मामले में एक शिकायत पत्र पुलिस स्टेशन में भी दिया गया है | इस विषय में नगर पालिका के जे ई ललित गोयल ने बताया की मोबाइल टावर लगवाने वाले व्यक्ति को नोटिस दे दिया गया है कल पुलिस बल की सहायता से काम रुकवा दिया जायेगा |