हिमाचल प्रदेश की राजनीति राजपूत समुदाय के इर्द-गिर्द घूमती है। वही लोकसभा के चुनाव में शिमला आरक्षित संसदीय क्षेत्र में अनुसूचित जाति का एक बड़ा तबका इस क्षेत्र के तहत आता है। शिमला संसदीय क्षेत्र में करीब 47 प्रतिशत वोट अनुसूचित जाति के हैं। शिमला, सोलन व सिरमौर जिला के 17 विधानसभा क्षेत्रों में से छ: विस क्षेत्र अनुसूचित जाति के आरक्षित है। जिसमें रामपुर, रोहड़ु, सोलन, कसौली, पच्छाद व श्रीरेणुकाजी शामिल है।
जिला सिरमौर में सबसे अधिक पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में 37 प्रतिशत वोट अनुसूचित जाति के हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार जिला सिरमौर में अनुसूचित जाति की आबादी 30.33 प्रतिशत है। जिसके अनुसार जिला में इनका वोट प्रतिशत 24 प्रतिशत से अधिक है। जिला सिरमौर के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में 2011 की जनगणना के अनुसार कुल आबादी एक लाख 2799 है। जिसमें से 42,328 आबादी अनुसूचित जाति के लोगों की है।
जो 41.17 प्रतिशत बनती है। जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 0.2 प्रतिशत है। पच्छाद विस क्षेत्र में 37 प्रतिशत वोट एससी समुदाय के है। जिला सिरमौर में अनुसूचित जनजाति में गुज्जर समुदाय के लोग आते हैं। जोकि नाहन विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक हैं। नाहन विस क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के लोगों की संख्या 8943 है। जो कि 7.8 प्रतिशत है। नाहन विस क्षेत्र की आबादी एक लाख 16 हजार 602 है। जिसमें एससी 26,937 है।
अनुसूचित जाति की आबादी 23.10 प्रतिशता है। जिनके वोट 18 प्रतिशत है। श्रीरेणुकाजी विस क्षेत्र की कुल आबादी 96,491 है। जिसमें से अनुसूचित जाति की आबादी 39077 है। जबकि एसटी 0.30 प्रतिशत है। अनुसूचित जाति की आबादी 40.49 प्रतिशत बनती है। जिनके वोट क्षेत्र में 35 प्रतिशत है। पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र की आबादी एक लाख 16 हजार 668 है। जिसमें अनुसूचित जाति की आबादी 21 हजार 947 है। एसटी 1.29 प्रतिशत है। एसटी वोट प्रतिशत 12 है। जिला में एससी की सबसे कम आबादी पांवटा साहिब में ही है। शिलाई विधानसभा क्षेत्र की आबादी 97,295 है, जिसमें एससी 30,416 व एसटी 0.06 प्रतिशत है। शिलाई में एससी आबादी 31.30 प्रतिशत व वोट 25 प्रतिशत है।