जिला सिरमौर के नाहन निवासी अतुल सोलंकी ने भारतीय सेना में सर्वश्रेष्ठ तीसरे रैंक पर पहुंच कर समूचे प्रदेश को गौरवान्वित किया है। नाहन के बेटे को अतुल सोलंकी को हाल ही में मेजर जनरल के पद से लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नति मिली है। अब वह जनरल के पद से महज एक कदम दूर हैं। लेफ्टिनेंट जनरल अतुल सोलंकी ने 1983 में भारतीय सेना में चयनित हुये थे। वर्तमान में लेफ्टिनेंट जनरल अतुल सोलंकी गोरखा राइफल – 11 से जुड़े हैं। लेफ्टिनेंट जनरल बनने के लिए सेना के एक कठिन बोर्ड से गुजरना पड़ता है। देश भर में 14 लेफ्टिनेंट जनरल के स्तर पर सेना में पोस्टिंग होती है। सेना से जुड़े अहम फैसलों में लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के सैन्य अधिकारी अहम भूमिका निभाते हैं।
मई 2017 में लेफ्टिनेंट जनरल अतुल सोलंकी को बिग्रेडियर से मेजर जनरल के पद पर प्रमोशन मिली थी। इस पद पर पहुंचने वाले वह नाहन शहर के तीसरे बेटे हैं। करीब 15 से 20 साल पहले डीपी सिंह मोहिल व स्व. आरपी अग्रवाल भी इस पद पर पहुंचे थे। बेटे की इस कामयाबी पर नाहन में मां बसंत सोलंकी भी गौरवान्वित महसूस कर रही है। जिन्हें मिलने अक्सर सैन्य अधिकारी बेटा आता रहता है। सेना में 36 साल के कैरियर के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल अतुल सोलंकी ने अदम्य साहस व जांबाजी के लिए कई मैडल भी हासिल किए हैं। रिटायरमैंट के लिए करीब चार साल का वक्त बाकी है। परिवार की सैन्य पृष्ठभूमि रही है।