जिला सिरमौर में दिनोंदिन खनन माफियाओं के कर्मचारियों परहमले बढ़ते जा रहे हैं। सोमवार देर रात को हिमाचल उत्तराखंड की सीमा पर स्थित जिला सिरमौर के गोविंद घाट बैरियर पर उत्तराखंड के खनन माफियाओं ने आबकारी एवं कराधान विभाग के स्टाफ को कुचलने का प्रयास किया। आबकारी एवं कराधान विभाग की ओर से मंगलवार को पुलिस थाना पांवटा साहिब में दी गई।
शिकायत में बताया कि सोमवार देर रात को आबकारी एवं कराधान विभाग की टीम वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान पांवटा साहिब से रेत-बजरी उत्तराखंड ले जाने वाले ट्रकों ने गोविंदघाट बैरियर पर जब रुकने का इशारा किया, तो उन्होंने ट्रक नहीं रोके। साथ ही आबकारी एवं कराधान विभाग के पियुन धर्मपाल व स्वर्ण सिंह तथा इंस्पेक्टर कमल कुमार व मुकेश पान्टा को कुचलने का प्रयास किया।
इसी दौरान उत्तराखंड के 20 ट्रक बिना कोई दस्तावेज चेक कराएं नाका तोडक़र हिमाचल से उत्तराखंड की सीमा में जा पहुंचे। आबकारी एवं कराधान विभाग के इंस्पेक्टर मुकेश पान्टा व कमल कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि बैरियर पर ट्रक मालिक अब्बास व मनसूर बाबा ने उनको धमकाया भी।
साथ ही सरकारी कार्य में बाधा भी उत्पन की। पुलिस थाना में दी गई शिकायत की प्रतिलिपि एसडीएम पांवटा साहिब, डिप्टी कमिश्नर स्टेट टैक्स एंड एक्साइज नाहन, एसपी सिरमौर, डीएसपी पांवटा साहिब, आरटीओ सिरमौर, आरटीओ देहरादून, एसपी देहरादून, डिप्टी कमिश्नर एक्साइज एंड टैक्सेशन देहरादून, फॉरेस्ट डिविजन ऑफिसर सोयल कंजर्वेशन कलसी उत्तराखंड को भी भेजी गई है।
जिसमें 20 ट्रकों की सूची दी गई है। जिन्होंने नाका तोडक़र उत्तराखंड में प्रवेश किया और साथ ही आबकारी एवं कराधान के बेरियर स्टाफ को कुचलने का प्रयास किया। उधर पुलिस थाना पांवटा साहिब के एसएचओ संजय शर्मा ने बताया कि आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों की शिकायत प्राप्त हुई है। जिसकी जांच की जा रही है। जांच के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस का कहना है कि खनन माफिया तथा उनके वाहन चालकों द्वारा सरकारी कर्मचारियों पर जानलेवा हमला बहुत ही गंभीर तथा चिंता का विषय है जिसकी कांग्रेस उच्च स्तरीय जांच की मांग करती है । विगत में भी खनन माफिया द्वारा अनेक वन कर्मियों व खनन विभाग के कर्मचारियों पर हमले की घटनाएं हो रही हैं क्या कारण है कि खनन माफिया के हौसले इतने बड़े हुए हैं । साफ पता चलता है कि इनको बड़े स्तर पर सरकारी संरक्षण प्राप्त है जिससे यह किसी से भी नहीं डरते हैं और पुलिस तथा प्रशासन भी मूकदर्शक बना हुआ है ।
हिमाचल की बहुमूल्य खनिज संपदा से भरे सैंकड़ों ट्रक बेरोकटोक उत्तराखंड तथा अन्य पड़ोसी राज्यों में जा रहे हैं और हिमाचल प्रदेश के पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है । जो सरकार अपने ही कर्मचारियों को संरक्षण देने और उनकी जान माल की सुरक्षा करने में विफल हो ऐसी सरकार और क्या उपेक्षा की जा सकती है । यह घटना भी उस समय हुई जब पौंटा साहब में प्रदेश के मुख्यमंत्री का दौरा बिल्कुल नजदीक है ।
कांग्रेस मांग करती है कि इसकी जल्द ही उच्च स्तरीय जांच हाईकोर्ट के किसी रिटायर्ड पूर्व जस्टिस से करवाई जाए और सभी इंटर स्टेट बैरियर पर सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स CISF या सीआरपीएफ CRPF तैनात की जाए ताकि अवैध रूप से कोई भी अवैध खनन सामग्री प्रदेश से बाहर ना जा सके । अगर इसमें किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं का सरंक्षण शामिल है उनके खिलाफ भी उचित कानूनी कार्रवाई की जाए तथा हमलावरों को जल्द गिरफ्तार करके कानून के हवाले किया जाए ।