भारी बारिश के बाद भूस्खलन के कारण नाहन-शिमला नेशनल हाईवे हुआ बाधित

मानसून की दूसरी बारिश ने एक बार फिर जिला सिरमौर में नेशनल हाईवे बाधित किये। शनिवार को जिला सिरमौर में हुई भारी बारिश के चलते नाहन पीजी कॉलेज के समीप भूस्खलन से भारी मात्रा में दलदल नाहन-शिमला नेशनल हाईवे पर आ पहुंचा। जिसके चलते एनएच के दोनों और भारी संख्या में वाहनों का जमावड़ा लग गया।

करीब 3:00 बजे हुए इस भूस्खलन के बाद भारी मात्रा में दलदल आने के बाद 2 घंटे बाद नेशनल हाईवे को किया गया। बता दें कि इन दिनों जिला सिरमौर की नगदी फसल टमाटर, शिमला मिर्च, फ्रांस बीन का सीजन अपने पूर्ण यौवान पर है। 15 जून के बाद जिला सिरमौर में नाहन-शिमला मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बढ़ जाती है। क्योंकि जून से लेकर सितंबर तक जिला सिरमौर में नगदी फसल लेकर सैकडों ट्रक व पिकअप गाजियाबाद, दिल्ली, रोहतक व देहरादून के लिए निकलते हैं। 2 घंटे नेशनल हाईवे बंद होने से पीजी कॉलेज से लेकर नाहन तक तथा दूसरी ओर सेन की सेर तक वाहनों की लंबी कतारें लग चुकी थी।

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वाहन चालको ने हाईवे बंद होने की सूचना नेशनल हाईवे के अधिकारियों को दी। जिसके करीब आधे घंटे के बाद जेसीबी मशीन को मौके पर भेजा गया। जेसीबी मशीन ने नेशनल हाईवे को बहाल करने में 1 घंटे का समय लगाया। इस दौरान 2 घंटे तक लोगों को जाम से भारी परेशानी झेलनी पड़ी। बता दें कि इससे पहले मानसून की पहली बारिश जो कि वीरवार को हुई थी। उस दिन भी कालाअंब-पांवटा साहिब नेशनल हाईवे बोहलियों के समीप 2 घंटे बंद रहा था। बोहलियों में एक तो भारी मात्रा में मलबा आ गया था, दूसरा वहां पर निर्माणाधीन पुल के लिए कोई भी वैकल्पिक रास्ता तैयार नहीं किया गया था और वाहन खड्ड से निकल रहे थे। जिसके चलते हैं खड्ड में भारी मात्रा में पानी आने के कारण नेशनल हाईवे 2 घंटे बंद रहा। उधर नेशनल हाईवे मंडल के अधिशासी अभियंता वीके अग्रवाल ने बताया कि जैसे ही उन्हें एनएच बंद होने की सूचना मिली, जेसीबी मशीन भेज दी गई थी। एक घंटे के बाद हाईवे बहाल कर दिया गया था

शनिवार को जिला सिरमौर में हुई भारी बारिश के चलते नाहन आईटीआई के समीप एनएच पर बह कर आया मलबा लोगों के घरों में जा घुसा। जिसके चलते लोगों ने भारी परेशानी उठानी पडी। बड़ी मुश्किल से कई घंटों की मेहनत के बाद लोगों ने मलबे को घरों से बाहर निकाला। स्थानीय लोगों ने बताया कि नेशनल हाईवे पर आईटीआई के समीप डंगा ना होने से अक्सर बरसात में पानी व मलबा उनके घरों व आईटीआई के कैंपस में भी चला जाता है। पहले भी बरसात में आईटीआई की मशीनें पानी में खराब हो चुकी है।

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