डॉ. वाई.एस. परमार की 113वीं जयंती पर दी गई श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश की सभी सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं तथा महाविद्यालयों में डॉ. वाई.एस. परमार की जयंती मनाने की घोषणा कीमुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के निर्माता एवं राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. वाई.एस. परमार की 113वीं जयंती के अवसर पर आज यहां होटल पीटरहॉफ में राज्य स्तरीय समारोह के दौरान उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।अपने सम्बोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार डॉ. परमार द्वारा पूरे प्रदेश के समग्र तथा संतुलित विकास के लिए तैयार किए गए रोडमैप का अनुसरण कर रही है।

उन्होंने कहा कि डॉ. परमार एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने न केवल प्रदेश के स्वतंत्र दर्जे के लिए संघर्ष का नेतृत्व किया, बल्कि संसाधनों के अभाव के समय भविष्य में प्रदेश के विकास के लिए एक सुदृढ़ नीवं रखी।जय राम ठाकुर ने कहा कि डॉ. परमार किसानों तथा समाज के कमजोर वर्गों के विकास तथा कल्याण की सोच रखते थे। उन्होंने सदैव सभी क्षेत्रों के तीव्र विकास के लिए सड़कों के निर्माण पर विशेष बल दिया। वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में भी बेहतर सड़क सुविधा शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए डॉं. परमार द्वारा दर्शाए गए मॉडल का प्रदेश की सभी सरकारों ने अनुसरण किया है, जिसके फलस्वरूप हिमाचल प्रदेश अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श के रूप में उभर कर सामने आया है।

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जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश की प्रगति के लिए राज्य के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा दिए गए योगदानों को स्मरण किया।उन्होंने कहा कि पूर्व में इस अवसर को प्रदेश विधानसभा के लाईब्रेरी हॉल में पारम्परिक ढंग से मनाया जाता था, लेकिन वर्तमान सरकार को डॉ. परमार के व्यक्तित्व तथा उनके योगदानों को ध्यान में रखते हुए यह आभास हुआ कि उनकी जयंती को बेहतर ढंग से मनाया जाए। इसलिए राज्य सरकार तथा विरोधी पार्टियों के सदस्यों की राय के अनुसार इसे राज्य स्तरीय समारोह के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया गया।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नई पीढ़ी को महान व्यक्तियों के जीवन तथा उनके द्वारा समाज के विकास के प्रति दिए गए योगदानों से अवगत करवाया जाना चाहिए, क्योंकि कोई भी समाज अपने स्वार्णीम इतिहास को भूल कर प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि इस दिवस के महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार भविष्य में राज्य की सभी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं तथा महाविद्यालयों में समारोह आयोजित करवाएगी ताकि छात्र डॉ. परमार के जीवन तथा योगदानों के बारे में जान सकें तथा उनसे प्रेरणा ले सकें।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डॉ. परमार के सुपुत्र कुश परमार तथा उनकी धर्मपत्नी सत्या परमार को सम्मानित किया।उन्होंने इस अवसर पर प्रदेश विधानसभा तथा भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. वाई.एस. परमार के जीवन पर आधारित दो पुस्तकों का विमोचन किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल ने कहा कि डॉ. परमार एक दूरदर्शी नेता था, जिन्होंने सड़कों के निर्माण, जल विद्युत सृजन, सब्जी उत्पादन, औद्योगिक इकाइयों की स्थापना तथा प्रदेश में निर्मित उत्पादों को परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए रेलवे विस्तार पर बल दिया।

उन्होंने सदैव प्रदेश के सभी क्षेत्रों के समग्र विकास में विश्वास रखा तथा वे प्रदेश के लोगों के प्रति बेहद संवेदनशील थे।नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने डॉ. वाई.एस. परमार जयंती के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के निर्माण तथा विकास में डॉ. परमार के संघर्ष तथा योगदान को स्मरण किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग सदैव डॉ. परमार के आभारी रहेंगे।शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि डॉ. परमार सदैव प्रदेश के सभी क्षेत्रों के समान विकास में विश्वास व विधानसभा के सदस्यों के प्रति आदर रखते थे।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की सोच के कारण ही इस समारोह को डॉ. परमार तथा उनके द्वारा प्रदेश के प्रति दिए गए स्मरणीय योगदानों के सम्मान में राज्य स्तर पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर डॉ. परमार के जीवन पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा तैयार किया गया वृतचित्र भी प्रदर्शित किया गया। मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल ने इस अवसर पर धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने रिज़ मैदान पर डॉ. परमार की प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित की तथा इसके उपरान्त विधानसभा में आयोजित समारोह में भी डॉ. परमार को श्रद्धांजलि दी।इस अवसर पर मंत्रिमण्डल की सदस्य सरवीण चौधरी, विपिन परमार, बिक्रम सिंह, गोबिन्द सिंह ठाकुर तथा डॉ. राजीव सैजल, मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश धवाला, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, हिमफैड के उपाध्यक्ष गणेश दत्त, नगर निगम शिमला की महापौर कुसुम सदरेट, विधायकगण, पार्षद तथा भारी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे।

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