मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज नई दिल्ली में 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह से भेंट की। उन्होंने राज्य की प्राथमिकताओं और विभिन्न क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने, हवाई यातायात सुविधा, रेलवे के विस्तार के लिए धनराशि की आवश्यकता और राज्य के लिए विशेष अनुदानों पर विचार करने का आग्रह किया।
उन्होंने आयोग से जिला मण्डी के नागचला में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 2000 करोड़ रुपये का विशेष अनुदान उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने हवाई अड्डे के निर्माण के लिए तकनीकी सर्वेक्षण पूरा कर लिया है और बड़े विमानों के लिए हवाई अड्डे के निर्माण पर चर्चा चल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश बाढ़, बादल फटने, जंगल में आग, सूखा, शीत लहर तथा हिमस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से अति संवेदनशील है, इसलिए राज्य आपदा मोचन निधि को बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने आग्रह किया कि राज्य आपदा मोचन निधि को केन्द्र सरकार द्वारा 100 प्रतिशत पोषित किया जाए।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण और वन संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों के कारण पड़े प्रभावों की प्रतिपूर्ति की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल के लोगों ने राष्ट्र के विकास के लिए सदैव आगे बढ़कर योगदान दिया है। प्रदेश के लोगों ने भाखड़ा, पंडोह और पौंग बांधों पर बनी राष्ट्रीय जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए अपनी उपजाऊ भूमि तथा जल अधिकारों को राष्ट्र के हित के लिए त्याग दिया।
जय राम ठाकुर ने आयोग से राज्य को पर्याप्त राजस्व घाटा अनुदान प्रदान करने की सिफारिश करने के लिए अनुरोध किया, जिससे न केवल घाटे को कम किया जा सकेगा, बल्कि राज्य के पास खर्च के लिए पर्याप्त राजस्व उपलब्ध होगा।वित्तायोग के सचिव अरविंद मेहता, मुख्यमंत्री के परियोजना अनुश्रवण सचिव डॉ. आर.एन. बत्ता, वित्त सचिव अक्षय सूद, उप आवासीय आयुक्त विवेक महाजन और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।