राज्यपाल ने किया क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विस्तार केंद्र का किया दौरा

राज्यपाल कलराज मिश्र ने आज शिमला के निकट करेगनेनो स्थित क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विस्तार केंद्र का दौरा किया और वैज्ञानिकों के साथ अनुसंधान से संबंधित विस्तृत विचार-विमर्श किया। लेडी गवर्नर सत्यावती मिश्र भी राज्यपाल के साथ थीं। उन्होंने जैविक कृषि के उपयोग पर बल देते हुए सेब की इको फ्रेंडली किस्मों के उत्पादन को बढ़ाने का आह्वान किया।

इस अवसर पर, राज्यपाल ने कहा कि यह स्टेशन, डॉ. वाई. एस. परमार बागवानी एवं उद्यानिकी विश्वविद्यालय, नौणी, सोलन का एक महत्वपूर्ण संस्थान है, जहां सेब की विभिन्न किस्मों पर शोध कार्य किया जा रहा है, जोकि प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान में यदि जैविक तरीके से अधिक उत्पादन वाली सेब की किस्मों के विकास पर भी कार्य किया जाए तो इस संस्थान का योगदान और बढ़ेगा।

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राज्यपाल ने केंद्र में तैयार किये गए सेब के प्रदर्शनी उद्यान का अवलोकन भी किया। उन्होंने वैज्ञानिकों द्वारा तैयार सेब की अच्छी फसल के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने प्रयोगशालाओं का भी निरीक्षण किया। उन्होंने संस्थान की स्वच्छता को बनाये रखने और अच्छे रख रखाव के लिए संस्थान के अधिकारियों और स्टाफ की सराहना की।

राज्यपाल ने केंद्र के परिसर में दुर्लभ पौधा जिंको का पौधा भी रोपा।

निदेशक अनुसंधान डॉ. जे.एन. शर्मा तथा केंद्र के सह-निदेशक डॉ. पंकज गुप्ता ने राज्यपाल का स्वागत किया और केंद्र में कार्यान्वित की जा रही विभिन्न गतिविधियों एवं शोध कार्यों से अवगत करवाया। उन्होंने केंद्र में तैयार की गई फूलों की विभिन्न किस्मों को भी दिखाया।

इससे पूर्व, राज्यपाल ने शिमला से करीब 15 किलोमीटर दूर राज्य कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान (समिति) मशोबरा का भी दौरा किया। राज्यपाल ने संस्थान के कर्मियों के साथ बातचीत में कहा कि यह संस्थान ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक कार्यक्रमों एवं कृषि विस्तार के लिये ग्रामीण स्तर तक गुणात्मक प्रशिक्षण के लिये बेहतर कार्य कर रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने व अधिक मजबूत करने में यह संस्थान और कारगर सिद्ध होगा।

उन्होंने कहा कि यह संस्थान पिछले कई वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में विकसात्मक कार्यक्रमों से जुड़ा है तथा कृषि प्रशिक्षण एवं विस्तार सेवाओं के माध्यम से ज्ञान और अनुभव से लाभान्वित कर रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य में विस्तार एवं प्रबंधन का अग्रणी संस्थान होने के कारण भविष्य में भी यह संस्थान जिला खंड एवं ग्रामीण स्तर तक गुणात्मक प्रशिक्षण प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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